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भारत के 9 अमीरों के पास है देश की 50 फीसदी संपत्ति

साल 2018 में भारत के करोड़पतियों की संपत्ति में रोजाना 2,200 करोड़ रुपये की वृद्धि देखी गई। ऑक्सफैम के...
भारत के 9 अमीरों के पास है देश की 50 फीसदी संपत्ति

साल 2018 में भारत के करोड़पतियों की संपत्ति में रोजाना 2,200 करोड़ रुपये की वृद्धि देखी गई। ऑक्सफैम के अध्ययन में सामने आया है कि देश के एक फीसदी अमीरों की संपत्ति में 2018 में 39 फीसदी का इजाफा हुआ, वहीं देश की सबसे गरीब मानी जाने वाले लोगों की संपत्ति में महज तीन फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। इस अध्ययन के अनुसार, भारत के 9 अमीर लोगों के पास देश की आधी संपत्ति है।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, दावोस में आयोजित होने वाले 5 दिवसीय वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम से पहले ऑक्सफैम ने यह रिपोर्ट जारी की है।

रिपोर्ट के अनुसार,भारत में 10 फीसदी लोगों के पास देश की कुल 77.4 फीसदी संपत्ति है, इनमें भी एक फीसदी के पास कुल 51.53 फीसदी संपत्ति है। जबकि 60 फीसदी लोगों के पास सिर्फ 4.8 फीसदी संपत्ति है। 2018 से 2022 के बीच भारत में प्रतिदिन 70 अमीर बढ़ेंगे। 2018 में भारत में लगभग 18 नए अरबपति बने हैं, देश में इनकी कुल संख्या अब 119 हो गई है। जिनके पास 28 लाख करोड़ की कुल संपत्ति है।

करोड़पतियों की संपत्ति में 12 फीसदी की बढ़ोतरी

इस रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर बात करें तो 2018 में करोड़पतियों की संपत्ति में 12 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई। वहीं सबसे गरीब मानी जाने वाली जनसंख्या की संपत्ति में 11 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। इस रिपोर्ट में सामने आया कि दुनिया करीब 3.8 बिलियन गरीब लोगों के पास कुल जितनी संपत्ति है उतनी केवल 26 लोगों के पास है। अमेजन के फाउंडर और दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति जेफ बेजोस का कुल संपत्ति का सिर्फ एक प्रतिशत एथोपिया के सालभर के हेल्थ बजट के बराबर है।

भारत की 10 फीसदी आबादी लगातार कर्ज की गिरफ्त में

इस स्टडी में आगे कहा गया है कि भारत की सबसे गरीब 10 प्रतिशत आबादी यानी करीब 13.6 करोड़ लोग 2004 से लगातार कर्ज में डूबे हुए हैं।

अमीरों और गरीबों के बीच बढ़ते अंतर को कम करें

ऑक्सफैम ने दावोस में पहुंच रहे राजनीतिक और व्यापारिक हस्तिओं से अपील की है कि वे अमीरों और गरीबों के बीच बढ़ते अंतर को कम करने की दिशा में काम करें। ऑक्सफैम ने कहा कि इस बढ़ते फासले के चलते गरीबी के खिलाफ जंग प्रभावित हो रही है और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर इसका बुरा असर पड़ रहा है।

ऑक्सफैम के इंटरनेशनल एग्जीक्यूटिव विनी ब्यानिमा ने कहा कि 'नैतिक रूप से क्रूर' है कि भारत में गरीब जहां दो वक्त के खाने के लिए जूझ रहे हैं वहीं कुछ अमीरों की संपत्ति लगातार बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा, "यदि 1 फीसदी अमीरों और देश के अन्य लोगों की संपत्ति में यह अंतर बढ़ता गया तो इससे देश की सामाजिक और लोकतांत्रिक व्यवस्था पूरी तरह चरमरा जाएगी।"

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