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प.बंगाल नहीं, इस राज्य में बन रही है ‘मां दुर्गा’ की दुर्लभ प्रतिमा, ‘गिनीज बुक’ में होगी शामिल

देशभर में मां दुर्गा की आराधना का पर्व शारदीय नवरात्र की शुरूआत हो चुकी है। इस मौके पर लोग मां दुर्गा...
प.बंगाल नहीं, इस राज्य में बन रही है ‘मां दुर्गा’ की दुर्लभ प्रतिमा, ‘गिनीज बुक’ में होगी शामिल

देशभर में मां दुर्गा की आराधना का पर्व शारदीय नवरात्र की शुरूआत हो चुकी है। इस मौके पर लोग मां दुर्गा की पूजा-आराधना के लिए जगह-जगह खास पंडाल बनाते हैं। वैसे तो देशभर में नवरात्र के समय मां दुर्गा के आगमन के लिए लोग खास साजो-सज्जा से अलग-अलग थीम पर पंडालों का निर्माण किया जाता है, लेकिन भव्य पंडालों के लिए पश्चिम बंगाल काफी मशहूर है। बता दें कि मां दुर्गा की भक्ति में केवल बंगाल ही लीन नहीं है, बल्कि नॉर्थ-ईस्ट में भी इसकी तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। जहां पंडाल नहीं बल्कि मां दुर्गा की विशाल मूर्तियां बनाई जा रही हैं। असम के गुवाहाटी में ऐसी प्रतिमा का निर्माण किया जा रहा है, जिसे देखने के लिए भक्तों को आसमान में सिर उठाना पड़ेगा।

प. बंगाल में बाहुबली-2 में माहिष्मती के महल की तर्ज पर दुर्गा पंडाल

भव्य पंडालों के लिए मशहूर पश्चिम बंगाल में इस बार अलग-अलग थीम पर मां दुर्गा के करीब 3 हजार पंडाल बनाए गए हैं। इन पंडालों में एक ऐसा पंडाल भी है, जिसे बनाने में 10 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। यह पंडाल सामान्य नहीं बल्कि फिल्म बाहुबली-2 में माहिष्मती के महल की तर्ज पर बना है, जिसकी ऊंचाई 110 फीट है। सीएम ममता बनर्जी ने इसे देश का सबसे महंगा पंडाल होने का सर्टिफिकेट दिया है।

मूर्ती के मामले में नॉर्थ-ईस्ट ने बंगाल को पीछे छोड़ा

नवरात्रों में खास चर्चा का विषय न सिर्फ पंडाल ही होते हैं बल्कि दुर्गा की प्रतिमा भी अलग-अलग थीम के आधार पर बनाई जाती है। बेहतरीन पंडालों के लिए पश्चिम बंगाल जरुर फेमस है, लेकिन इस बार मूर्ती के मामले में गुवाहाटी ने इसे पीछे छोड़ते हुए एक नया रिकॉर्ड बनाने की तैयारियों में जुटा हुआ है। इस बार असम के गुवाहाटी में करीब 101 फीट लंबी बांस से बनी मूर्ति का निर्माण किया जा रहा है, जो पूरी तरह से गिनीज़ बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में प्रवेश करने के लिए तैयार है। यह मूर्ती अब तक दुनिया में बनी सबसे ऊंची बांस की मूर्तियों में से एक होगी।

2016 में कोलकाता में बनी थी सबसे ऊंची मां दुर्गा की मूर्ति

मां दुर्गा की यह प्रतिमा गुवाहाटी स्थित दुर्गा पूजा समिति (बिष्णुपुर दुर्गा पूजा) के कारीगरों द्वारा मूर्ति बनाई गई है।  बता दें कि इससे पहले, वर्ष 2016 में कोलकाता में सबसे ऊंची मां दुर्गा की मूर्ति बनाई गई थी, फाइबर से बनाई गई इस मूर्ती की लंबाई 83 फीट थी, जिसे लोहे के एक ढांचे पर खड़ा किया गया था।  

नरूद्दीन अहमद तैयार कर रहे हैं 100 फीट लंबी मां दुर्गा की मूर्ती

ये दुलर्भ प्रतिमा नरूद्दीन अहमद तैयार कर रहे हैं। वे इस मूर्ति को अकेले नहीं बल्कि 40 अन्य कलाकार उनका साथ दे रहे हैं। मूर्ति बनाने का काम 1 अगस्त से चल रहा है। खास बात तो ये है कि जो कलाकार इस मूर्ति को बना रहे हैं वह मुस्लिम है। नरूदद्दीन यह काम 1975 से कर रहे हैं और उनका मानना है कि एक कलाकार का कोई धर्म नहीं होता और उनका इकलौता धर्म है मानवता की सेवा करना। हम इसके जरिए दुनिया को पर्यावरण और भक्ति का संदेश देना चाहते हैं।

इस प्रतिमा में प्लास्टिक या अन्य किसी वस्तु का इस्तेमाल नहीं

इस प्रतिमा में खास यह है कि यह पूरी तरह बांस से बनी हुई मूर्ती है, जिसमें प्लास्टिक या अन्य किसी वस्तु का इस्तेमाल नहीं किया गया है। इसको बनाने में अबतक 5000 विभिन्न तरह के बांस का इस्तेमाल किया जा चुका है।

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