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भारत बायोटेक की नेजल वैक्सीन को मिली ट्रायल की मंजूरी, बूस्टर डोज के तौर पर होगा इस्तेमाल

देशभर में कोरोना वायरस और ओमिक्रोन के बढ़ते संक्रमण के खिलाफ एक नई पहल हुई है। भारत के दवा नियंत्रक...
भारत बायोटेक की नेजल वैक्सीन को मिली ट्रायल की मंजूरी, बूस्टर डोज के तौर पर होगा इस्तेमाल

देशभर में कोरोना वायरस और ओमिक्रोन के बढ़ते संक्रमण के खिलाफ एक नई पहल हुई है। भारत के दवा नियंत्रक (डीसीजीआई) ने भारत बायोटेक को उसकी नाक से दी जाने वाली कोरोना वैक्सीन की बूस्टर खुराक के परीक्षण की इजाजत दे दी है। अब इस इंट्रा नैजल वैक्सीन की खुराक के जरिए देश में जारी कोरोना के खिलाफ जंग से निपटने में मदद मिलेगी। बता दें कि गणतंत्र दिवस के दिन ही पीएम मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा था कि देश में जल्द ही कोरोना के नेजल वैक्सीन का इस्तेमाल शुरू होगा।

नाक से दी जाने वाली इस कोरोना वैक्सीन का परीक्षण देश में नौ जगह किया जाएगा। भारत बायोटेक ने स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन का निर्माण कर देश में इस महामारी के खिलाफ जंग में बड़ी कामयाबी हासिल की है। कंपनी अब बूस्टर खुराक के लिए नाक से दी जाने वाली वैक्सीन बना रही है।

इससे पहले गुरुवार को डीसीजीआई ने दोनों वैक्सीन कोवैक्सीन और कोविशील्ड को बाजार में उतारने की मजूरी दी। वहीं बाजार में बिकने को लेकर डीसीजीआई शर्त भी रखी है। वैक्सीन लगवाने के लिए गाइडलाइन का पालन करना भी अनिवार्य होगा।

डीजीसीआई के मुताबिक, मेडिकल स्टोर पर वैक्सीन नहीं मिलेगी। टीके की खुराक अस्पताल और क्लीनिक से खरीदी जा सकती है। टीकाकरण डाटा हर छह महीने में डीसीजीआई को जमा करना होगा। कोविन ऐप पर भी डाटा अपडेट किया जाएगा।

बता दें कि नेजल वैक्सीन का इस्तेमाल होने के बाद सबसे ज्यादा सुविधा बच्चों को मिलेगी। इस डोज के कारण बच्चों को वैक्सीन लगवाने के लिए इंजेक्शन से डरने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अभी कोरोना का टीका लगाने के लिए इंजेक्शन दिया जाता है।

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