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कोरोना वायरस: कब आएगी तीसरी लहर? कोई बता रहा अगस्त तो कोई अक्टूबर, जानें इन रिपोर्टों का क्या है आधार

एक दिन की गिरावट के बाद देशभर में कोरोना के मामले एक बार फिर बढ़ने लगे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने...
कोरोना वायरस: कब आएगी तीसरी लहर? कोई बता रहा अगस्त तो कोई अक्टूबर, जानें इन रिपोर्टों का क्या है आधार

एक दिन की गिरावट के बाद देशभर में कोरोना के मामले एक बार फिर बढ़ने लगे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को माना कि वायरस के प्रसार में फिर से तेजी के संकेत मिल रहे हैं। कोरोना के प्रसार को दर्शाने वाले रिप्रोडक्टिव रेट आठ राज्यों में एक से अधिक हैं। यह दर कुछ समय पूर्व 0.6 पर पहुंच गई थी। अब यह बढ़कर 1.2 हो गई है। तीन राज्यों में यह और भी अधिक है। हालांकि, सरकार इसे तीसरी लहर की दस्तक नहीं मान रही है।

अमर उजाला की खबर के मुताबिक, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव लव अग्रवाल का कहना है कि वैश्विक महामारी खत्म होने से अभी बहुत दूर है। जहां तक भारत की बात करें तो कोरोना की दूसरी लहर अब भी खत्म नहीं हुई है। 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 44 जिलों में 2 अगस्त को समाप्त हो रहे हफ्ते में कोरोना वायरस की साप्ताहिक संक्रमण दर 10 प्रतिशत से अधिक है। वहीं, एक्सपर्ट्स इसे लेकर अलग-अलग दावे कर रहे हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, देश में अगस्त से अक्टूबर तक कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है और इस दौरान रोजाना एक लाख कोरोना के मामले सामने आएंगे। अगस्त में शुरू होने वाली तीसरी लहर अक्टूबर में अपने पीक पर हो सकती है। 

तो आइए जानते हैं कोरोना की तीसरी लहर को लेकर क्या किए जा रहे दावे और उनके आधार

आईआईटी हैदराबाद और कानपुर की रिसर्च में अगस्त का दावा

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) हैदराबाद और कानपुर के वैज्ञानिकों ने मैथेमेटिकल मॉडल के आधार पर तीसरी लहर का अनुमान लगाया है। आईआईटी हैदराबाद के माथुकुमाली विद्यासागर और आईआईटी कानपुर के मनिंदर अग्रवाल का कहना है कि अगस्त में तीसरी लहर तेज हो जाएगी। अनुमान है कि बेहतर स्थिति में संक्रमण के रोजाना एक लाख जबकि बदतर हालात में रोजाना डेढ़ लाख मामले सामने आ सकते हैं। केरल व महाराष्ट्र में संक्रमण के बढ़ रहे मामलों से अन्य राज्यों में भी हालात खराब हो सकते हैं।

आईसीएमआर- अगस्त के अंत में तीसरी लहर आएगी

इससे पहले इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने भी अगस्त में ही तीसरी लहर आने का दावा किया था। बताया गया कि वायरस अपना स्वरूप बदल रहा है। ऐसे में पाबंदियों में ढील की वजह से मामले एक बार फिर बढ़ेंगे। संस्था के डॉ. समीरन पांडा ने कहा था कि अगर कोरोना की तीसरी लहर आती है, तो यह अगस्त के अंत के आसपास किसी भी समय आएगी। उन्होंने यह भी कहा था तीसरी लहर कब आएगी और कितनी गंभीर हो सकती है, ये सभी सवाल परिस्थितियों पर निर्भर करते हैं जो पूरी तरह से समझ से परे हैं।

रायटर्स सर्वे में अक्टूबर में तीसरी लहर का दावा

न्यूज एजेंसी रायटर्स ने भी भारत में तीसरी लहर को लेकर सर्वे किया था। इसमें 3 से 17 जून के बीच 40 हेल्थकेयर विशेषज्ञ, डॉक्टरों, वैज्ञानिकों, वायरोलॉजिस्ट, एपिडेमियोलॉजिस्ट और प्रोफेसरों से अलग-अलग प्रश्नों पर उनकी राय जानी गई। इसमें महत्वपूर्ण बात यह सामने आई थी कि 100% यानी सभी विशेषज्ञों ने माना कि भारत में तीसरी लहर जरूर आएगी।  वहीं, 85% ने कहा कि अक्टूबर में तीसरी लहर आएगी।

दूसरी लहर की शुरुआत भी केरल-महाराष्ट्र से

बता दें कि देश में दूसरी लहर की शुरुआत भी केरल-महाराष्ट्र से हुई थी। इस वक्त भी इन्हीं दोनों राज्यों में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। इसलिए एक्सपर्ट्स इस बात पर जोर दे रहे है कि देश कोरोना की तीसरी से ज्यादा दूर नहीं है।

कोरोना मामले में लगातार बढ़ोतरी

सरकार के दावे पर सवाल इसलिए भी उठाए जा रहे हैं, क्योंकि देश में दूसरी लहर के हाहाकार के बाद 19 जुलाई को सबसे कम 29,420 मामले सामने आए थे। इसके बाद से ही रोजाना आने वाले केसों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है।

एक्टिव केस में भी बढ़ोतरी

देश में एक्टिव केस यानी इलाज करा रहे कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ रहा है। दूसरी लहर के बाद देश में 26 जुलाई को सबसे कम 3.92 लाख एक्टिव केस थे। यह आंकड़ा एक बार फिर 4 लाख के पार पहुंच गया है। पिछले 15 दिन की बात करें, तो इनमें 11 दिन एक्टिव केस में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

केरल में कोरोना विस्फोट

देश की तीसरी लहर की आहट के पीछे केरल के आंकड़े सबसे बड़ी वजह हैं। यहां पिछले कई दिनों से देश के कुल नए केस से आधे मामले सामने आ रहे हैं। यहां मंगलवार को 23,676 मामले सामने आए थे। यह 29 मई के बाद एक दिन में मिलने वाले संक्रमितों का सबसे बड़ा आंकड़ा है।

 

 

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