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एम्स के रेजिडेंट डॉक्टरों का ऐलान: हड़ताल रहेगी जारी लेकिन आपातकालीन सेवाएं होंगी शुरू

नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) विधेयक के खिलाफ रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल लगातार जारी है। हड़ताल के...
एम्स के रेजिडेंट डॉक्टरों का ऐलान: हड़ताल रहेगी जारी लेकिन आपातकालीन सेवाएं होंगी शुरू

नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) विधेयक के खिलाफ रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल लगातार जारी है। हड़ताल के कारण दिल्ली के कई सरकारी अस्पतालों में मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मरीजों की परेशानियों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने हड़ताल कर रहे डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील की। इसके बाद दिल्ली एम्स के रेजिडेंट डॉक्टरों ने शनिवार यानी आज सुबह 8 बजे एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह ऐलान किया है कि एनएमसी बिल के कुछ प्रावधानों को लेकर चल रही उनकी अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी। हालांकि उन्होंने ये भी जानकारी दी है कि आपातकालीन सेवाएं आज(3 अगस्त) सुबह से ही शुरू हो जाएंगी।

वरदान साबित होने वाला है यह बिल

इस बिल का विरोध कर रहे हड़ताली रेजिडेंट डॉक्टरों ने स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से शुक्रवार को मुलाकात की। स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने डाक्टरों से हड़ताल वापस लेने की अपील की। डॉ हर्षवर्धन ने इस मुलाकात के बाद कहा कि बिल के बारे में डॉक्टरों को गलतफहमी थी। उन्हें विस्तार से समझाया गया। बच्चे समझदार हैं, उन्हें समझना चाहिए। यह बिल डॉक्टरों और मरीजों के हित में है। यह बिल वरदान साबित होने वाला है। सभी विकसित देशों में ऐसा प्रावधान है। उन्होंने कहा कि हमने अपील की है कि उनकी हड़ताल का कोई औचित्य नही है। यह जनता के हित में भी नहीं है। अब वे क्या करना चाहते हैं यह उनके ऊपर है।

संगठनों का ये है आरोप

एनएमसी बिल को लेकर विभिन्न एसोसिएशनों के डॉक्टरों ने अपना विरोध दर्ज कराया है। इन संगठनों का आरोप है कि ये बिल ‘‘गरीबी विरोधी, छात्र-विरोधी और अलोकतांत्रिक है.’’ बता दें कि बिल के विरोध में डॉक्टर चार दिन से हड़ताल कर रहे हैं.

डॉक्टरों की हड़ताल के बीच आपातकालीन सेवाएं शुरू

यहां राहत की बात ये है कि शुक्रवार तकरीबन आधी रात से एम्स, आरएमएल अस्पताल और दिल्ली सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों समेत अधिकांश अस्पतालों में आपातकालीन सेवाएं शुरू कर दी गईं। लेकिन प्रदर्शनकारी डॉक्टर गैर-आवश्यक सेवा विभागों में हड़ताल जारी रखेंगे, जिसमें बाह्य-रोगी विभाग (ओपीडी) शामिल है। यह निर्णय देर रात तक चलीं रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशनों की बैठकों में लिया गया।

राज्यसभा से पारित हुआ बिल, अभी भी जारी है हड़ताल

एम्स, सफदरजंग अस्पताल, आरएमएल अस्पताल में हड़ताल का असर साफ देखा जा सकता है। यहां के रेजिडेंट डॉक्टरों के संघों और फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) और यूनाइटेड रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (यूआरडीए) से जुड़े चिकित्सकों ने गुरुवार को आपातकालीन विभाग में काम का बहिष्कार किया। उन्होंने गुरुवार शाम एनएमसी विधेयक राज्यसभा से पारित होने के बाद शुक्रवार को भी अपनी हड़ताल जारी रखी।

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