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एसएंडपी ने भारत की सोवरेन रेटिंग अपरिवर्तित रखी, आउटलुक स्थिर, ग्रोथ रेट सुधरने की उम्मीद

ग्लोबल रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पुअर्स ने भारत की सोवरेन रेटिंग 'बीबीबी-' पर अपरिवर्तित रखते हुए...
एसएंडपी ने भारत की सोवरेन रेटिंग अपरिवर्तित रखी, आउटलुक स्थिर, ग्रोथ रेट सुधरने की उम्मीद

ग्लोबल रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पुअर्स ने भारत की सोवरेन रेटिंग 'बीबीबी-' पर अपरिवर्तित रखते हुए आउटलुक स्थिर बताया है। एजेंसी ने कहा है कि भारत की जीडीपी विकास दर लंबी अवधि यानी अगले दो-तीन साल में सुधरने लगेगी।

राजकोषीय घाटे से समस्या रहेगी

बीबीबी रेटिंग का आशय वित्तीय देनदारियां पूरी करने के लिए पर्याप्त क्षमता होने से है। हालांकि एजेंसी ने कहा है कि बढ़ते राजकोषीय घाटे और शुद्ध सरकारी कर्ज में बढ़ोतरी के कारण भारत की वित्तीय स्थिति पर दबाव रहेगा। राजकोषीय घाटा सरकार के लक्ष्य से ज्यादा हो गया है। एसएंडपी का कहना है कि अगले कुछ वर्षों में इसमें ज्यादा कमी आने की उसे उम्मीद नहीं है।

रेटिंग एजेंसी ने कहा है कि उसने भारत की विदेशी और स्थानीय करेंसी सोवरेन क्रेडिट रेटिंग लांग-टर्म के लिए 'बीबीबी-' और शॉर्ट टर्म के लिए 'ए-3' पर बरकरार रखी है। भारत का लांग टर्म के लिए आउटलुक भी स्थिर रखा गया है।

इन खूबियों से भारत बेहतर स्थिति में

एजेंसी ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष में भारत की विकास दर घटकर 5 फीसदी रह सकती है जबकि अगले वित्त वर्ष में सुधरकर 6 फीसदी से ज्यादा रह सकती है। भारत की रेटिंग में उसकी औसत वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर, विदेश में मजबूत स्थिति और विकसित होती मौद्रिक व्यवस्था झलकती है। भारत की मजबूत लोकतांत्रिक संस्थाएं नीतिगत स्थिरता और लचीलापन प्रदान करती हैं। इससे भी रेटिंग पर सकारात्मक असर पड़ता है। इन मजबूतियों के चलते देश की बेहद कम प्रति व्यक्ति आय और अत्यधिक राजकोषीय घाटे जैसी मुश्किलें संतुलित हो जाती हैं।

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