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फिर मिला कृषि का सहारा, दो तिमाही बाद लौटी ग्रोथ, अक्टूबर-दिसंबर में 0.4 फीसदी बढ़ी जीडीपी

कोरोना महामारी के असर को कम करते हुए भारत आखिरकार पॉजिटिव ग्रोथ रेट दर्ज करने में कामयाब रहा है।...
फिर मिला कृषि का सहारा, दो तिमाही बाद लौटी ग्रोथ, अक्टूबर-दिसंबर में 0.4 फीसदी बढ़ी जीडीपी

कोरोना महामारी के असर को कम करते हुए भारत आखिरकार पॉजिटिव ग्रोथ रेट दर्ज करने में कामयाब रहा है। अक्टूबर से दिसंबर 2020 की तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 0.4 फीसदी दर्ज हुई है। इससे पहले लगातार दो तिमाही तक ग्रोथ निगेटिव रही थी। अप्रैल-जून में जब कोरोना के कारण लॉकडाउन था, तब विकास दर शून्य से 24.4 फीसदी नीचे चली गई थी। इसके बाद अनलॉक शुरू हुआ और आर्थिक गतिविधियां जोर पकड़ने लगीं तो जुलाई से सितंबर 2020 में विकास दर शून्य से सिर्फ 7.3 फीसदी नीचे रह गई थी। अक्टूबर-दिसंबर 2019 में ग्रोथ रेट 3.3 फीसदी थी। दिसंबर तिमाही में चीन की ग्रोथ रेट 6.5 फीसदी थी।

कृषि उत्पादन 3.9 फीसदी बढ़ा, मैन्युफैक्चरिंग में 1.6 फीसदी ग्रोथ

शुक्रवार को राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार दिसंबर तिमाही में जीडीपी का आकार 36.22 लाख करोड़ रुपए रहा, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 36.08 लाख करोड़ था। त्योहारों की तिमाही के कारण मैन्युफैक्चरिंग में 1.6 फीसदी और कंस्ट्रक्शन में 6.2 फीसदी ग्रोथ दर्ज हुई है। हालांकि ट्रेड, होटल, ट्रांसपोर्ट और कम्युनिकेशन सेगमेंट में 7.7 फीसदी की गिरावट है। यह सेक्टर अब भी कोरोना महामारी से जूझ रहा है। माइनिंग में भी उत्पादन 5.9 फीसदी घटा है। लेकिन कृषि और इससे संबंधित क्षेत्रों के उत्पादन में 3.9 फीसदी की वृद्धि हुई है।

प्रति व्यक्ति आय में इस साल 4.8 फीसदी गिरावट का अंदेशा

प्रति व्यक्ति आय मौजूदा मूल्यों पर इस साल 1,27,768 रुपए रहने की उम्मीद है। यह 2019-20 के 1,34,186 रुपए की तुलना में 4.8 फीसदी कम होगी। 2011-12 के स्थिर मूल्यों पर प्रति व्यक्ति आय में 9.1 फीसदी गिरावट का अंदेशा है। यह 94,566 रुपए से घटकर 85,929 रुपए रह जाएगा।

पूरे वित्त वर्ष में आठ फीसदी निगेटिव ग्रोथ के आसार

एनएसओ ने अपने दूसरे अग्रिम अनुमान में मौजूदा वित्त वर्ष में आठ फीसदी निगेटिव ग्रोथ की बात कही है। पहले अनुमान में इसका अनुमान 7.7 फीसदी निगेटिव ग्रोथ का था। पिछले साल ग्रोथ रेट चार फीसदी रही थी। ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज ने मौजूदा वित्त वर्ष में जीडीपी का आकार 7.1 फीसदी घटने का अंदेशा जताया है। बार्कलेज का अनुमान 6.5 फीसदी गिरावट का है। हालांकि 2021-22 के लिए इन दोनों ने क्रमशः 13.7 फीसदी और 8.5 फीसदी ग्रोथ का अनुमान जताया है।

जनवरी में कोर सेक्टर का उत्पादन सिर्फ 0.1 फीसदी बढ़ा

दिसंबर तिमाही के आंकड़े उम्मीद भरे होने के बावजूद फिलहाल आगे के बारे में निश्चित रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता है। त्योहारी तिमाही खत्म होने के बाद जनवरी 2021 में आठ कोर सेक्टर के उत्पादन में सिर्फ 0.1 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। दिसंबर 2020 में इसमें 0.2 फीसदी ग्रोथ थी। पिछले महीने बढ़त सिर्फ उर्वरक, स्टील और बिजली उत्पादन में हुई है। बिजली उत्पादन 5.1 फीसदी, उर्वरक 2.7 फीसदी और स्टील 2.6 फीसदी बढ़ा है। सीमेंट में 5.9 फीसदी, कोयला में 1.8 फीसदी, कच्चा तेल में 4.6 फीसदी और प्राकृतिक गैस में दो फीसदी गिरावट है। वित्त वर्ष के पहले 10 महीने, अप्रैल से जनवरी के दौरान कोर सेक्टर के उत्पादन में 8.8 फीसदी गिरावट आई है।

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