झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शनिवार को राज्य के विभिन्न जेलों में बंद 139 कैदियों को मुक्त करने के झारखंड राज्य कारावास संशोधन परिषद के एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। ये सभी कैदी राज्य के पांच केंद्रीय जेलों, एक मंडल कारागार और एक ओपेन जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। परिषद ने ऐसे कैदियों के मामलों की समीक्षा की है जिन्हें उनके आचरण, उनकी उम्र और उनके द्वारा किए गए अपराधों की प्रकृति पर विचार करते हुए आजीवन कारावास की सजा मिली थी। रिहा होने वाले सारे कैदी 14 वर्ष की सजा काट चुके हैं।
कैदियों से किया आग्रह
गौरतलब हो कि मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद ये सभी कैदी अपने परिवार के साथ रह सकेंगे। सीएम सोरेन ने कहा कि समाज के हित में अपराधियों के जीवन में बदलाव लाना समाज का एकमात्र उद्देश्य होना चाहिए। उन्होंने रिहा किए जाने वाले सभी कैदियों से अपने जीवन का एक नया चरण शुरू करने, समाज और उनके परिवारों के विकास में अपनी भूमिका निभाने का आग्रह किया है।
बीजेपी की हुई थी हार
दिसंबर 2019 में हुए झारखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 81 सीट में से 25 सीटें मिली थी जबकि जेएमएम को 30, कांग्रेस को 16 और आरजेडी को ने एक सीट मिली थी। 29 दिसंबर 2019 को झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने रांची में झारखंड के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। सोरेन दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं। सूबे में इस वक्त जेएमएम-कांग्रेस-आरजेडी की गठबंधन सरकार है।