Advertisement

उन्नाव गैंगरेप पीड़िता एयर एम्बुलेंस से दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल लाई गई

जिंदा जलाए जाने के बाद बुरी तरह झुलसी जिंदगी और मौत के बीच झूल रही यूपी के उन्नाव की गैंगरेप पीड़िता को...
उन्नाव गैंगरेप पीड़िता एयर एम्बुलेंस से दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल लाई गई

जिंदा जलाए जाने के बाद बुरी तरह झुलसी जिंदगी और मौत के बीच झूल रही यूपी के उन्नाव की गैंगरेप पीड़िता को गुरूवार देर रात एयर एम्बुलेंस से दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल लाया गया। इसके लिए एयरपोर्ट से ग्रीन कॉरिडोर भी बनाया गया। इससे पहले उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के सिविल अस्पताल के डॉक्टरों की रिपोर्ट के बाद पीड़िता को दिल्ली के लिए रेफर किया गया था। 90 प्रतिशत से ज्यादा जल चुकी पीड़िता की हालत बेहद नाजुक बताई जा रही है। लखनऊ में भी अस्पताल से अमौसी हवाई अड्डे तक ले जाने के लिए "ग्रीन कॉरिडोर" बनाया गया था। वहीं, प्रदेश सरकार ने पीड़िता के उपचार का पूरा खर्च उठाने की घोषणा की है। पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

गुरुवार की सुबह पीड़िता अपने मुकदमे की तारीख पर रायबरेली के लिए गांव भाटन खेड़ा से रेलवे स्टेशन जा रही थी। इसी बीच आरोपियों ने उसे रोक कर आग के हवाले कर दिया। आरोपी युवक बेखौफ युवती को जलाने के बाद मौके से फरार हो गए। युवती को आग लगाने की कोशिश की सूचना पर जिले में हड़कंप मच गया।

सीएम ने दिए सख्त कार्रवाई के निर्देश

इससे पहले यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले में आरोपियों पर सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं। साथ ही मंडलायुक्त व पुलिस महानिरीक्षक से मामले की रिपोर्ट मांगी है। मुख्यमंत्री ने बयान जारी कर कहा कि पीड़िता का सरकारी खर्च पर इलाज करवाया जाएगा। 

लापरवाही पर बख्शा नहीं जाएगाः आईजी लॉ एंड आर्डर

आईजी लॉ एंड आर्डर प्रवीण कुमार के मुताबिक, पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है जिनमें तीन आरोपी घर में पाए गए और  दो को बाहर से पकड़ा गया। आरोपियों की पहचान शुभम, शिवम, हरिशंकर, उमेश और राम किशोर के रूप में हुई है। वैज्ञानिक ढंग से साक्ष्यों का कलेक्शन भी किया जा रहा है। कमिश्नर और आईजी लखनऊ द्वारा जांच की जा रही है। अगर पुलिस की लापरवाही सामने आएगी तो उन पर भी कार्यवाही की जाएगी।

उन्होंने कहा कि पीड़िता की पूर्व तहरीर पर भी कार्यवाही की गई थी।  मुख्य अभियुक्त को तत्काल अदालत में पेश भी किया गया था और जिला अदालत से उसकी जमानत भी खारिज कराई गई थी। कथित बलात्कार मामले में दो मामले दर्ज किए गए थे। एक मामला रायबरेली के लाल गंज पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था और दूसरा उन्नाव के बिहार पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था। प्राथमिकी के अनुसार, पीड़िता ने आरोप लगाया था कि शादी के बहाने आरोपी ने उसके साथ बलात्कार किया। उन्होंने कहा कि पुलिस के कड़े विरोध के बावजूद आरोपियों को अदालत ने जमानत दे दी।

जमानत पर छूटे आरोपियों ने दिया घटना को अंजाम

उन्नाव जिले के बिहार थानाक्षेत्र के हिन्दुनगर गांव निवासी एक युवती ने गांव के ही प्रधान पुत्र समेत पांच अन्य आरोपियों के खिलाफ मार्च माह में दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, लेकिन दो अन्य आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर थे। इसी बीच तीनों आरोपी जमानत पर जेल से बाहर आ गए। आरोप है कि उन्होंने अपने दो साथियों के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया है। आरोप है कि बिहार थाने की पुलिस आरोपियों को संरक्षण दे रही थी।

इच्छा मृत्यु की मांग कर रही पीड़िता

रायबरेली से पांच दिन पैदल चलकर दंपती एक दिन पहले लखनऊ सीएम से मिलने पहुंचे। आरोप है कि एक साल पहले गैंगरेप की वारदात के बाद रायबरेली पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। सीएम आवास की तरफ बढ़ने पर हजरतगंज पुलिस ने उन्हें समझा-बुझाकर कोतवाली ले गई और आश्वासन देकर वापस भेज दिया। वहीं, पीड़ित परिवार न्याय नहीं मिलने पर इच्छा मृत्यु की मांग कर रहा है।

30 दिनों में मिले मौत की सजाः स्वाति मालीवाल

 

दिल्ली महिला आयोग की चेयरपर्सन स्वाति मालीवाल ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अपराधियों को 30 दिनों के भीतर मौत की सजा दी जाए तथा मांग की कि बलात्कार मामले की सुनवाई दैनिक आधार पर की जाए।

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad