लोकसभा चुनावों को लेकर उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच आज गठबंधन की सीटों को लेकर ऐलान हो सकता है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती लखनऊ में एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस संबोधित करेंगे।
पिछले हफ्ते ही दिल्ली में मायावती और अखिलेश यादव के बीच करीब डेढ़ घंटे तक चली बैठक के बाद गठबंधन पर सहमति बनी थी और सीटों को लेकर फॉर्मूला भी लगभग तय हो गया था लेकिन औपचारिक ऐलान नहीं किया गया था। माना जा रहा है कि रायबरेली और अमेठी की सीट कांग्रेस के लिए छोड़ी जा सकती है।
रालोद गठबंधन में शामिल, लेकिन सीटें तय नहीं
रालोद का भी इस गठबंधन में शामिल रहना लगभग तय है। रालोद प्रमुख चौधरी अजित सिंह ने शुक्रवार को यह तो स्वीकार किया कि गठबंधन तय है लेकिन सीटों के बंटवारे पर अभी निर्णय नहीं हुआ है। उन्होंने कांग्रेस के इस गठबंधन में शामिल होने या न होने पर भी कहा कि सपा और बसपा बड़े दल है। वही इस बारे में तय करेंगे।
इस बार 73 से 74 होंगे, 71 नहीः अमित शाह
शुक्रवार को पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि लोकसभा चुनाव में भी पार्टी पिछले आम चुनाव और विधानसभा चुनाव की तरह प्रचंड जीत हासिल करेगी। पिछली बार हम 73 सीटें जीते थे। इस बार यह संख्या 74 होगी। 71 तो किसी भी कीमत पर नहीं होगी। उन्होंने कहा कि कभी एक दूसरे की शक्ल तक नहीं देखने वाले मोदी विरोध के नाम पर किसी भी तरह सत्ता हासिल करने के लिए एकजुट हो रहे हैं।
भाजपा के लिए चुनौती होगा
यूपी में लोकसभा की 80 सीटें है। सपा-बसपा के साथ आने से अब भाजपा के लिए 2014 में किए गए प्रदर्शन को दोहराना अधिक चुनौतीपूर्ण होगा। बसपा-सपा और रालोद ने साथ मिलकर उपचुनाव लड़ा था जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गोरखपुर सीट और उप-मुख्यमंत्री की फूलपुर सीट से सपा प्रत्याशियों को जीत मिली थी। जबकि कैराना सीट पर रालोद ने जीत दर्ज की थी।
पिछले चुनावों में भाजपा को 71 सीटों पर जीत मिली थी लेकिन मायावती की पार्टी खाता भी नहीं खोल सकी थी। वहीं, समाजवादी पार्टी के खाते में 5 सीटें आई थीं। कांग्रेस ने रायबरेली और अमेठी की सीटें जीती थीं।