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तूतीकोरिन में थम नहीं रहा लोगों का गुस्सा, अस्पताल के बाहर बस फूंकी

तूतीकोरिन में स्टरलाइट प्लांट को बंद करने को लेकर हुए प्रदर्शन पर पुलिस फायरिंग के खिलाफ लोगों का...
तूतीकोरिन में थम नहीं रहा लोगों का गुस्सा, अस्पताल के बाहर बस फूंकी

तूतीकोरिन में स्टरलाइट प्लांट को बंद करने को लेकर हुए प्रदर्शन पर पुलिस फायरिंग के खिलाफ लोगों का गुस्सा जारी है। बुधवार को आक्रोशित लोगों ने जनरल अस्पताल के बाहर एक बस को फूंक दिया। इनकी पुलिस से झड़प भी हुई इसी अस्पताल में फायरिंग में घायल लोगों का इलाज चल रहा है। प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए अस्पताल के बाहर भारी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया।

मद्रास हाईकोर्ट ने स्टरलाइट प्लांट के विस्तार पर लगाई रोक

मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने बुधवार को तूतीकोरिन में स्टरलाइट प्लांट के विस्तार पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने यह फैसला प्लांट को बंद करने को लेकर हुए प्रदर्शन पर पुलिस फायरिंग में 11 लोगों के मारे जाने के बाद लिया है। राज्य सरकार ने फायरिंग की जांच के लिए रिटायर्ड जज अरुणा जगदीशन की अध्यक्षता में जांच आयोग का गठन कर दिया है। 

गृह मंत्रालय ने मांगी राज्य सरकार से रिपोर्ट, एनएचआरसी ने भेजा नोटिस

इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पुलिस फायरिंग की इस घटना को पूरी गंभीरता से लिया है। तमिलनाडु सरकार से रिपोर्ट मांगी गई है जिसमें पूरी जानकारी देने के लिए कहा है। गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने दिल्ली में बताया कि मंत्रालय राज्य सरकार के संपर्क में है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने तमिलनाडु के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेश को नोटिस भेज कर दो सप्ताह में रिपोर्ट देने को कहा है। प्रशासन ने घटनास्थल पर अभी धारा 144 लगा रखी है, जबकि पड़ोसी जिलों से 2000 से ज्यादा पुलिसकर्मी सुरक्षा के लिए भेजे गए हैं।

कमल हासन ने की घायलों से मुलाकात

अभिनेता से नेता बने मक्कल नीधि मय्यम पार्टी के मुखिया कमल हासन ने अस्पताल जाकर घायलों से मुलाकात की। मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि हमें इस बात की जानकारी दी जानी चाहिए कि फायरिंग का आदेश किसने दिया। यह मेरी ही नहीं पीड़ितों की भी मांग है। उन्होंने कहा कि लोगों को मुआवजा देना समस्या का समाधान नहीं है। स्टरलाइट प्लांट को बंद किया जाना चाहिए।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने कोयंबटूर में पुलिस फायरिंग के विरोध में प्रदर्शन किया। द्रविड़ मुनेत्र कषमग (डीएमके) ने फायरिंग के खिलाफ 25 मई को सर्वदलीय विरोध की घोषणा की है।

गौरतलब है कि मंगलवार कोवेदांता समूह के स्वामित्व वाले संयंत्र को प्रदूषण संबंधी चिंताओं को ले कर बंद करने की मांग कर रहे लगभग पांच हजार लोग पुलिस से भिड़ गए थे और वाहनों और सार्वजनिक संपत्ति को आग लगा दी थी। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने  घटना में मारे गए लोगों के परिजनों को दस-दस लाख रुपये, गंभीर रूप से घायल लोगों को तीन-तीन लाख और मामूली रूप से घायल लोगों को एक-एक लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। 

 

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