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पुलिस ने रोका जेएनयू छात्रों का संसद मार्च, लाठीचार्ज का आरोप

फीस बढ़ोतरी के खिलाफ जेएनयू के सैकड़ों छात्र अब भी सड़क पर डटे हैं। छात्रों का कहना है कि जितने भी...
पुलिस ने रोका जेएनयू छात्रों का संसद मार्च, लाठीचार्ज का आरोप

फीस बढ़ोतरी के खिलाफ जेएनयू के सैकड़ों छात्र अब भी सड़क पर डटे हैं। छात्रों का कहना है कि जितने भी छात्रों को हिरासत में लिया गया है, उन्हें छोड़ा जाए। इससे पहले हॉस्टल फीस की पूर्ण वापसी की मांग को लेकर उन्होंने शीतकालीन सत्र के पहले दिन आज संसद भवन की तरफ कूच किया तो पुलिस ने उन्हें सफदरजंग मकबरे के पास रोक दिया। कई जगहों पर पुलिस के कथित लाठीचार्ज में कुछ छात्र घायल भी हो गए और कई को हिरासत में ले लिया गया। उधर, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने मोदी सरकार को घेरते हुए इसे 'मोदी के समय में पैदा हुई आपातस्थिति' करार दिया है।

'कानून हाथ में न लें छात्र, लाठीचार्ज की होगी जांच'

उधर, दिल्ली पुलिस के पीआरओ मंदीप एस रंधावा ने कहा है, 'हम छात्रों की मांगों को लेकर उनसे बात करने की कोशिश के साथ उन्हें कानून अपने हाथ में नहीं लेने की सलाह दे रहे हैं। लाठीचार्ज के आरोपों की हम जांच करेंगे।' आपको बता दें कि पिछले तीन सप्ताह से प्रदर्शन कर रहे छात्र संसद का ध्यान आकृष्ट करने के लिए सोमवार को सड़कों पर उतर आए। उन्होंने अपने हाथों में तख्तियां और बैनर ले रखे थे। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जब तक सरकार बढ़ाए गए शुल्क को वापस नहीं लेती, तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा। सैकड़ों पुलिसकर्मियों ने बाबा गंगनाथ मार्ग पर छात्रों को आगे बढ़ने से रोक दिया। विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार से आगे बढ़ने पर 600 मीटर की दूरी पर ही छात्रों को रोक दिया गया। कुछ छात्रों ने जब आगे बढ़ने की कोशिश की तो उन्हें बलपूर्वक रोक दिया गया।

चालू हुए मेट्रो स्टेशन

वहीं, प्रदर्शन को देखते हुए संसद के आस-पास के चार मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए गए थे, जिन्हें अब चालू कर दिया गया है। इनमें पटेल चौक, उद्योग भवन, लोक कल्याण मार्ग और केंद्रीय सचिवालय मेट्रो स्टेशन शामिल हैं। दिल्ली पुलिस ने 9 कंपनी फोर्स लगाई है जिसमें पैरा मिलिट्री फोर्स शामिल है। कुल 1200 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं जिनमें दिल्ली पुलिस भी शामिल है। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए है। वहीं, संसद के आस-पास धारा 144 लगा दी गई है।

इससे पहले पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दक्षिण-पश्चिम जिले से शुरू होने वाले सभी संभावित मार्गों से संसद की ओर जाने वाले सभी प्रवेश बिंदुओं पर पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। उन्होंने कहा, ‘संसद के शीतकालीन सत्र के लिए संसद के आसपास पूरे क्षेत्र की हमने सुरक्षा कड़ी की है। किसी भी अप्रिय स्थिति को टालने के लिए अन्य जिलों से भी अतिरिक्त पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे।'

मार्च शुरू करने से पहले जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) का कहना है, ‘ऐसे समय में जब देश में शुल्क वृद्धि बहुत अधिक पैमाने पर हो रही है, तो समग्र शिक्षा के लिए छात्र आगे आए हैं। हम संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन जेएनयू से संसद तक निकाले जाने वाले मार्च में शामिल होने के लिए सभी छात्रों को आमंत्रित करते हैं।'

संसद के आस-पास धारा 144 लागू

जेएनयू छात्रों के मार्च को देखते हुए सुरक्षा के मद्देनजर संसद के आस-पास धारा 144 लगा दी गई है। वहीं जानकारी के मुताबिक, प्रदर्शनकारी को जेएनयू के आस-पास ही एक किलोमीटर के दायरे में रोकने की योजना है। लेकिन अभी यह जानकारी नहीं मिली पाई है कि विरोध मार्च किस पॉइंट पर रोका जाएगा।

कुलपति का छात्रों से कक्षा में लौटने का अनुरोध

छात्र संघ ने दिल्ली के बाहर के छात्रों से 18 नवम्बर को आंदोलन आयोजित करने की अपील की। इस बीच जेएनयू के कुलपति जगदीश कुमार ने विरोध कर रहे छात्रों से रविवार को अपील की कि वे अपनी कक्षाओं में लौट आएं, क्योंकि परीक्षाएं नजदीक हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें चिंतित अभिभावकों और छात्रों के ई-मेल आ रहे हैं। उन्होंने कहा, “यदि हम अभी भी हड़ताल पर अड़े रहे तो इससे हजारों छात्रों के भविष्य पर असर होगा।” कल (सोमवार) से एक नया हफ्ता शुरू होगा और मैं छात्रों से अनुरोध करता हूं कि आप कक्षाओं में वापस आइए और अपने शोध कार्यों को आगे बढ़ाइए। 12 दिसंबर से सेमेस्टर परीक्षाएं शुरू होंगी और अगर आप कक्षाओं में नहीं जाएंगे तो इससे आपके भविष्य के लक्ष्य प्रभावित होंगे।”

बढ़ी फीस की रकम पर नाराजगी

छात्र संघ ने सीबीएसआई, आईआईटी, नवोदय विद्यालय और उत्तराखंड में भी बढ़ी हुई फीस को भी खारिज किया है, साथ ही कहा है कि भारत के अन्य विश्वविद्यालयों में भी फीस कम की जाए। छात्र संघ का कहना है कि देश में विदेशी विश्वविद्यालय नहीं खुलने चाहिए, साथ ही किसी भी तरह से पब्लिक फंडेड यूनिवर्सिटी पर प्रहार नहीं होना चाहिए।

जानें छात्रों की सांसदों से क्या है मांग

छात्र संघ ने देश के सांसदों से सवाल किया है कि बढ़ी हुई फीस पर वे साथ देंगे। क्या सभी के लिए वे पब्लिक फंडेड एजुकेशन की मांग करेंगे। क्या वे पब्लिक फंडेड एजुकेशन पर हो रहे प्रहार को रोकेंगे? छात्र संघ का कहना है कि छात्र आगे बढ़कर मांग करें साथ ही नीति निर्माताओं को इस बात का जवाब देने दें कि शिक्षा अधिकार है, विशेषाधिकार नहीं।

राज्यसभा सांसद ने किया छात्रों का समर्थन

केरल से राज्यसभा सांसद ए. करीम ने जेएनयू के रजिस्ट्रार को पत्र लिखकर इस बात दुख जताया कि उन्हें जेएनयू कैंपस में छात्रों के प्रदर्शन में शामिल होने से रोक दिया गया। उन्होंने कहा कि मुझे रविवार को प्रदर्शनकारी छात्रों को संबोधित करना था और इसके लिए मैं दिल्ली भी पहुंच गया था, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से शामिल नहीं हो पाया। इन छात्रों को मेरा समर्थन है। बता दें कि जेएनयू प्रशासन ने सांसद को जेएनयू में चल रहे स्टूडेंट्स के प्रोटेस्ट में शामिल ना होने के लिए लेटर लिखा था।

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