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निर्भया गैंगरेप केस: हाई कोर्ट ने चार दोषियों को भेजा नोटिस, रविवार को होगी सुनवाई

दिल्ली हाई कोर्ट ने शनिवार को 2012 निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में निचली अदालत द्वारा अगले आदेश तक...
निर्भया गैंगरेप केस: हाई कोर्ट ने चार दोषियों को भेजा नोटिस, रविवार को होगी सुनवाई

दिल्ली हाई कोर्ट ने शनिवार को 2012 निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में निचली अदालत द्वारा अगले आदेश तक फांसी पर लगी रोक को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए चारो दोषियों को नोटिस भेजा है। कोर्ट रविवार को सुनवाई करेगी। जस्टिस सुरेश कैत ने चारों दोषियों मुकेश, विनय, पवन और अक्षय को नोटिस जारी किया है। साथ ही कोर्ट ने तिहाड़ जेल प्रशासन को भी नोटिस जारी कर केंद्र सरकार की याचिका पर अपना पक्ष रखने की मांग की है। सुनवाई के दौरान, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि दोषी आपस में मिलकर काम कर रहे हैं। वे इस तरह से कार्य कर रहे हैं कि किसी भी तरह से उसे इस जघन्य अपराध के लिए दंडित होना ना पड़े।

दायर की याचिका

इससे इतर निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में मौत की सजा पाने वाले चार दोषियों में से एक अक्षय ठाकुर ने शनिवार को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद  के पास दया याचिका दायर की है। दया याचिका दायर करने के मामले में यह तीसरा आरोपी हैं। बता दें कि अब तक राष्ट्रपति ने इस मामले में दोषी विनय शर्मा और मुकेश सिंह की दया याचिका खारिज कर दी है। इससे पहले दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को इस फैसले पर सुनवाई करते हुए फांसी की सजा पर रोक लगा दी थी  जो आज (1 फरवरी) को होनी थी। दरअसल, अदालत इस मामले पर सुनवाई कर रही थी कि निर्भया के गुनहगारों को डेथ वॉरंट के हिसाब से 1 फरवरी (शनिवार) को सुबह 6 बजे फांसी पर लटकाया जाए या नहीं। अब दोषी पवन के पास क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका के विकल्प बाकी हैं। शुक्रवार को पटियाला हाउस कोर्ट ने दोषियों की फांसी पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी। 

इस दौरान दोषियों में शामिल अक्षय ठाकुर, पवन गुप्ता और विनय शर्मा की याचिका पर तिहाड़ प्रशासन ने कहा था कि दोषियों को अलग-अलग फांसी दे सकते हैं। तीन दोषियों मुकेश, पवन और अक्षय को 1 फरवरी को फांसी पर लटकाया जा सकता है। हालांकि, कोर्ट ने कहा था कि इस देश की अदालतें कानूनी उपायों में जुटे किसी भी दोषी से आंख मूंदकर भेदभाव नहीं कर सकतीं।

जानें चारों दोषियों की अभी क्या है स्थिति

-    मुकेश सिंह और विनय शर्मा के दोनों विकल्प (क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका) खत्म हो चुके हैं।

-   मुकेश  सिंह, अक्षय ठाकुर की क्यूरेटिव पिटीशन खारिज हो चुकी है। उसने दया याचिका दायर नहीं की है।

-   पवन गुप्ता ने न तो क्यूरेटिव पिटीशन दायर की है और न ही राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजी है।

इससे पहले मुकेश की दया याचिका को राष्ट्रपति ने किया था खारिज

राष्ट्रपति ने मुकेश की दया याचिका को 17 जनवरी को खारिज किया था। वहीं इस फैसले की न्यायिक समीक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट के पास दाखिल दया याचिका सुप्रीम कोर्ट पहले ही खारिज कर चुकी है। बता दें इनके डेथ वारंट के अनुसार, दोषियों को 1 फरवरी को सुबह 6 बजे फांसी का समय निर्धारित किया है।

जानें क्या है निर्भया केस

बता दें कि 16 दिसंबर, 2012 की रात 23 साल की एक पैरामेडिक स्टूडेंट अपने दोस्त के साथ दक्षिण दिल्ली के मुनिरका इलाके में बस स्टैंड पर खड़ी थी। दोनों फिल्म देखकर घर लौटने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इंतजार कर रहे थे। इस दौरान वो वहां से गुजर रहे एक प्राइवेट बस में सवार हो गए। इस चलती बस में एक नाबालिग समेत छह लोगों ने युवती के साथ बर्बर तरीके से मारपीट और गैंगरेप किया था। इसके बाद उन्होंने पीड़िता को चलती बस से फेंक दिया था। बुरी तरह जख्मी युवती को बेहतर इलाज के लिए एयर लिफ्ट कर सिंगापुर ले जाया गया था। यहां 29 दिसंबर, 2012 को अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी। घटना के बाद पीड़िता को काल्पनिक नाम ‘निर्भया’ दिया गया था।

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