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‘फुल्लु’ से लेकर ‘टॉयलेट’ तक बदल रही बॉलीवुड की कहानियां

आज हर फिल्म निर्माता की कोशिश है कि वो राष्ट्र के प्रति अपनी जि़म्मेदारी को समझते हुए ऐसी सार्थक फिल्म...
‘फुल्लु’ से लेकर ‘टॉयलेट’ तक बदल रही बॉलीवुड की कहानियां

आज हर फिल्म निर्माता की कोशिश है कि वो राष्ट्र के प्रति अपनी जि़म्मेदारी को समझते हुए ऐसी सार्थक फिल्म बनाए, जो समाज को जागरूक करे और लोगों को अपराध की तरफ जाने से रोके। कई फिल्म निर्माता अपनी फिल्म के जरिए इस दिशा में काम कर रहे हैं और इसमें सफल भी हो रहे हैं। कई फिल्मकार अपनी फिल्म का विषय चुनने के लिए आज के समय में समाज के ऐसे विषयों की तलाश करते हैं, जो उस समाज और लोगों को प्रभावित कर रहे हैं।

देश और समाज को प्रभावित करने वाले मुद्दों में चाइल्ड ट्रैफेकिंग भी एक ऐसा ही गंभीर और ज्वलंत विषय है। चाइल्ड ट्रैफिकिंग या बच्चों की तस्करी जैसे हाई प्रोफाइल रैकेट दुनियाभर में चल रहे हैं, जिनसे भारत भी अछूता नहीं है। जागरूक फिल्म निर्माताओं ने कई संवेदनशील मुद्दे पर फोकस करते हुए अपनी फिल्मों में अब उन विषयों (टॉयलेट, मासिक धर्म, सेक्स और नसबंदी) को आधार बनाते हुए बखूबी दिखाना शुरु किया है, जिन पर लोग खुलकर बात भी नहीं करते थे।  

पेपर रॉकेट

फिल्म ‘पेपर रॉकेट’ भी चाइल्ड ट्रैफेकिंग के मुद्दे पर आधारित है। इस फिल्म ने मुंबई में चाइल्ड ट्रैफेकिंग के मुद्दे को उठाया है। अभिजीत साहू इस फिल्म के लेखक और निर्देशक हैं। कुमार विनोद पाण्डेय के निर्देशन में बनने वाली इस फिल्म में मोहित मैदान, वाणी वशिष्ठ, रिचा सिन्हा, शाहबाज़ खान, बॉबी कुमार, राजीव और खुशी मल्होत्रा, वरूण बुधदेव, अमर दमाणी, संजय विश्वकर्मा और विकास सिंह राजपूत नजर आएंगे।

'टॉयलेट एक प्रेम कथा

बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार और भूमि पेडनेकर की 'टॉयलेट एक प्रेम कथा'  जो खुले में शौच जैसे विषय पर आधारित है। फिल्म स्वच्छ भारत और निर्मल भारत जैसे अभियानों को केंद्र में रखते हुए ये दिखाती है कि खुले में शौच जाना कैसे आज भी भारत की शर्मनाक सच्चाई बना हुआ और इस स्थिति को हमें अपनी बहू बेटियों की खातिर बदलना होगा। इस फिल्म में अक्षय कुमार और भूमि पेडनेकर के अलावा अनुपम खेर, दिव्येंदु शर्मा, सुधीर पांडेय, राजेश शर्मा और शुभा खोटे मुख्य भूमिका में हैं।

फुल्लु

फिल्म ‘फुल्लु’ महिलाओं के मासिक धर्म पर आधारित फिल्म है। कहानी है एक ऐसे आदमी की, जो औरतों की सबसे बड़ी समस्या के लिए समाज से लड़ रहा है। मासिक धर्म  जिसका नाम सुनकर ही आधे घिन्ना जाते हैं और आधे ऐसी बातें करते हैं, जैसे ये कोई हौव्वा हो। फिल्म में मुख्य भूमिका में नजर आने वाला यह आदमी औरतों के इस हक के लिए लड़ने की कोशिश कर रहा है। हर समय की तरह, उसके गांववाले उसे 'बिगड़ा हुआ', 'छिछोरा', 'पागल' समझ कर उसका गांव निकाला करने पर तुले हैं, लेकिन उसने ठानी है कि वो महिलाओं की इस आजादी के लिए सब कुछ करेगा। वो औरतों के लिए Sanitary Pads बनाएगा। इस फिल्म में शारिब हाश्मी और ज्योति सेठी मुख्य भूमिका में हैं।

पैडमैन

अक्षय कुमार की फिल्म 'पैडमैन' महिलाओं के मासिक धर्म और इससे जुड़ी साफ सफाई की समस्या पर आधारित है। पैडमैन की कहानी अरुणाचलम मुर्गनाथन की जिंदगी पर आधारित है। मुर्गनाथन ने अपनी पूरी जिंदगी महिलाओं को सस्ते सैनेटरी पैड उपलब्ध कराने के काम में लगा दी है। आज भी हमारे समाज में मासिक धर्म स्वच्छता को लेकर जागरुकता का अभाव है। सैनेटरी नैपकिन की कीमतें और इस पर लगने वाला टैक्स इसे गरीब महिलाओं की पहुंच से दूर कर देता है। 'पैडमैन' इसी विषय को उठाती है। इस फिल्म में अक्षय कुमार के अलावा सोनम कपूर और राधिका आप्टे भी नजर आएंगी।

पोस्टर ब्वॉयज

सनी देओल, बॉबी देओल और श्रेयस तलपड़े की मुख्य भूमिकाओं वाली इस फिल्म में पुरुष नसबंदी जैसे विषय को उठाया गया है। यह फिल्म उस गंभीर विषय को छूती है जिस पर हमारे समाज में आज भी ज्यादा बात नहीं होती है। भारत की आबादी लगातार बढ़ती जा रही है और जल्द ही आबादी के मामले में भारत चीन को भी पीछे छोड़ देगा। ‘पोस्टर ब्वॉयज’ में सोनाली कुलकर्णी, समीक्षा भटनागर और ताशा भामरा भी हैं। 

हिन्दी मीडियम

साकेत चौधरी के निर्देशन में बनी फिल्म  ‘हिन्दी मीडियम’ Right To Education Act (शिक्षा का अधिकार, 2009) के उस मुद्दे को उठाती है जिसमें कहा गया है कि हर एक बड़ा स्कूल 25 फीसदी सीटों पर गरीब बच्चों को एडमिशन देगा। ये वो बच्चें हैं जो बड़े स्कूल का खर्च वहन करने की स्थिति में नहीं हैं और इन्हें गरीब कोटा के तहत एडमिशन दिए जाने का प्रावधान है, लेकिन जब एडमिशन का समय आता है तो ऐसी धांधली की खबरें अक्सर ही सुनने को मिलती हैं कि किसी अमीर ने गरीब बनकर उस बच्चे के सीट पर अपने बच्चे को एडमिशन दिला दिया। फिल्म में एक डायलॉग भी है कि इसके लिए ‘गरीब होना जरूरी नहीं सिर्फ गरीबी के डॉक्युमेंट्स होना जरूरी है। इस फिल्म में इरफान खान के अलावा सबा कामर, दीपक डोबरियाल मुख्य भूमिका में नजर आए। 

'लव सोनिया'

अभिनेता राजकुमार राव की आगामी फिल्म 'लव सोनिया' सेक्स ट्रैफिकिंग पर आधारित है। तबरीज नूरानी द्वारा निर्देशित इस फिल्म में राजकुमार राव के अलावा रिचा चड्ढा, मनोज वाजपेयी और फ्रीडा पिंटो अहम भूमिका में हैं। इस फिल्म को 45 से ज्यादा कट देने के बाद ही सेंसर बोर्ड ने इसे 'A' सर्टिफिकेट दिया है। ये फिल्म सोनिया नाम की एक ग्रामीण बहादुर महिला की कहानी पर आधारित है, जो ग्लोबल सेक्स ट्रेड रैकट में फंस जाती है। तबरेज इससे पहले आस्कर जीत चुकी फिल्म स्लम डॉग मिलिनियर को प्रोड्यूस कर चुके हैं।

 

सिनेमा समाज में सृजनात्मक परिवर्तन लाने, मानवीय मूल्यों को सृजित करने, देशभक्ति की भावना उत्पन्न करने तथा सामाजिक बुराइयों के खिलाफ आवाज उठाने में सक्षम है। यह जनमानस को नशे, भ्रष्टाचार, गरीबी, भ्रूण हत्या जैसे सामाजिक मुद्दों पर शिक्षित करने की जरूरत है।

 

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