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मोदी मंत्रिमंडल में कई पद खाली, मानसून सत्र के बाद हो सकता है विस्तार

एनडीए की ओर से वेंकैया नायडू को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने के साथ ही मोदी मंत्रिमंडल में विस्तार की अटकलें तेज हो गई हैं। पिछले तीन साल के कार्यकाल के दौरान प्रधानमंत्री की उम्मीदों पर खरा न उतरने वाले मंत्रियों की छुट्टी भी हो सकती है।
मोदी मंत्रिमंडल में कई पद खाली, मानसून सत्र के बाद हो सकता है विस्तार

नायडू के पास कई मंत्रालयों की जिम्मेदारी थी, जिनसे उन्होंने इस्तीफा दे दिया है। मनोहर पर्रिकर के गोवा का मुख्यमंत्री बनने और अनिल माधव दवे के निधन के बाद रक्षा और पर्यावरण जैसे अहम मंत्रालयों का अतिक्ति प्रभार भी दूसरे मंत्रियों के पास है। 

हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल विस्तार जैसे अहम फैसलों में आखिर तक अपने पत्ते नहीं खोलते हैं, लेकिन केंद्र सरकार के तीन वर्षों में कई मंत्रालयों के फीके प्रदर्शन को देखते हुए भी मंत्रिमंडल में फेरबदल के कयास लगाए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि विस्तार बड़ा होगा। कुछ नए चेहरे भी कैबिनेट में शामिल किए जा सकते हैं।  

वेंकैया नायडू के पास सूचना प्रसारण मंत्रालय, शहरी विकास मंत्रालय और आवास गरीबी उन्मूलन मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी थी। स्मार्ट सिटी, प्रधानमंत्री आवास योजना और हाउसिंग फॉर आॅल जैसे मिशन को देखते हुए शहरी विकास और आवास मंत्रालयों को कुशल नेतृत्व की जरूरत है। इसी तरह सूचना प्रसारण मंत्रालय का काम भी केंद्र सरकार के लिए बेहद अहम है, जिसे ज्यादा दिनों तक अतिरिक्त प्रभार भरोसे नहीं छोडा जा सकता है। 

मौजूदा मंत्रिमंडल में रक्षा मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार वित्त मंत्री अरुण जेटली और पर्यावरण एवं वन मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ हर्षवर्धन संभाल रहे हैं। इन अतिरिक्त प्रभार वाले मंत्रालयों को नया मंत्री देने के साथ—साथ कई अन्य मंत्रालयों में फेरबदल की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता। वैसे भी केंद्र सरकार के कार्यकाल में अब सिपर्फ दो साल बचे हैं। 

पिछले साल जुलाई में भी कैबिनेट में फेरबदल हुआ था। तब स्मृति ईरानी की जगह प्रकाश जावड़ेकर को मानव संसाधन मंत्रालय दिया गया था और स्मृति ईरानी को कपड़ा मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली थी। इसके अलावा संजीव बालियान समेत कई राज्य मंत्रियों के मंत्रालय भी बदले गए थे। इस साल गुजरात और हिमाचल प्रदेश और उसके बाद मध्य प्रदेश, राजस्थान, उडीसा और कर्नाटक में होने वाले विधानसभा चुनावों की छाप भी मोदी मंत्रिमंडल में होने वाले संभावित फेरबदल में देखने को मिल सकती है।

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