Home एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी पश्चिम बंगाल सरकार फसल नुकसान के आकलन के लिए इसरो की रिमोट सेंसिंग तकनीक का सहारा लेगी
पश्चिम बंगाल सरकार फसल नुकसान के आकलन के लिए इसरो की रिमोट सेंसिंग तकनीक का सहारा लेगी
पश्चिम बंगाल सरकार फसल नुकसान के आकलन के लिए इसरो की रिमोट सेंसिंग तकनीक का सहारा लेगी

पश्चिम बंगाल सरकार फसल नुकसान के आकलन के लिए इसरो की रिमोट सेंसिंग तकनीक का सहारा लेगी

पश्चिम बंगाल सरकार ने किसानों के लिए फसल बीमा दावे के निपटारे की प्रक्रिया में तेजी लाने के मकसद से फसलों को हुए नुकसान का आकलन करने में इसरो के आंकड़ा संग्रहण प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने का निर्णय किया है।

राज्य के कृषि विभाग के अनुसार अधिकारी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के राष्ट्रीय दूर संवेदी केंद्र (एनआरएससी) के साथ बातचीत कर रहे हैं। इससे खरीफ मौसम के दौरान फसलों को यदि कोई नुकसान होता है तो इसका पता लगाने के लिए वह अपने दूर संवेदी उपग्रह डेटा संग्रहणकर्ता प्रौद्योगिकी को लगा सकेगा

अभी कृषि अधिकारियों को क्षति का आकलन करने के लिए खेतों का दौरा करना पड़ता है

राज्य के कृषि मंत्री आशीष बनर्जी ने बताया कि इससे हमें फसलों को हुए नुकसान का जल्द पता लगाने में मदद मिलेगी तथा नुकसान का आंकड़ा समय पर एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी आफ इंडिया लिमिटेड को सौंपा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि अभी कृषि अधिकारियों को क्षति का आकलन करने के लिए खेतों का दौरा करना पड़ता है और वे फसल की स्थिति देखते हैं और इसके कारण उन्हें रिपोर्ट तैयार करने में समय लगता है। इसी कारण किसानों को मुआवजे के लिए भी कई महीने इंतजार करना पड़ता है।

प्रौद्योगिकी आधारित प्रणााली तेजी से और सटीक आंकड़ा संग्रह करेगी

उन्होंने कहा कि एनआरएससी की प्रौद्योगिकी आधारित प्रणााली तेजी से और सटीक आंकड़ा संग्रह करना सुनिश्चित करेगी। यह क्षति आकलन रिपोर्ट तैयार करने का पहला और महत्वपूर्ण कदम है। इस रिपोर्ट को बाद में एग्रीकल्चर इंश्योरंस कंपनी आफ इंडिया लिमिटेड को सौंपा जायेगा। उन्होंने कहा कि हमें बीमा कंपनी की मंजूरी पहले ही मिल गई है। कुछ दिन पहले बीमा कंपनी और हमारे विभाग के बीच बैठक हुई थी। हमने जिला अधिकारियों से प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए कहा है क्योंकि खरीफ मौसम पहले ही शुरू हो चुका है।

बंगला शस्य बीमा योजना राज्य सरकार ने 2019 में की थी शुरू

राज्य सरकार ने 2019 में 'बंगला शस्य बीमा योजना' शुरू की थी, जिसके तहत राज्य के 46 लाख किसानों को लाभ हुआ है। योजना को सुचारु रूप से चलाने के लिए सरकार ने 450 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। राज्य के कृषि विभाग के अनुसार, 21 लाख हेक्टेयर से अधिक खेती योग्य भूमि को पहले से ही बीमा योजना के तहत शामिल किया गया है, जिसमें अमन धान, एयूएस धान, जूट और मक्का जैसी फसलों को शामिल किया गया है।

एजेंसी इनपुट

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