सहकारी संस्था इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (इफको) ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) संस्थानों और कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) के माध्यम से विभिन्न उत्पादों के सहयोगात्मक अनुसंधान, परीक्षण और सत्यापन के लिए एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया। इसके तहत इन केंद्रों को किसानों के लाभ के लिए जागरूकता कार्यक्रम, अभियान, क्षेत्र परीक्षण और प्रदर्शन के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान करके तकनीकी प्रगति का प्रसार करने में सक्षम किया जाएगा। इस कदम से 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने में मदद मिलेगी।
आईसीएआर परिसर में बुधवार को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान वैज्ञानिक वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मौजूद थे। इस मौके पर डीडीजी आईसीएआर डॉ. एके सिंह, सचिव डीएआरई एंड डीजी आईसीएआर डॉ. टी. महापात्र, प्रबंध निदेशक इफको डॉ. यू एस अवस्थी एवं डॉ. एसके मल्होत्रा, आयुक्त कृषि, भारत सरकार आदि मौजूद थे। डॉ. महापात्र ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक कदम है। हम उर्वरक की खपत को 15 फीसदी तक कम कर सकते हैं, यह कृषि और किसान समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण योगदान होगा। उन्होंने कहा कि अगले सप्ताह तक कार्य योजना पर चर्चा कर इसे अंतिम रूप दिया जायेगा।
समझौता किसानों की समस्याओं को हल करने में मदद करेगा
इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. यू एस अवस्थी ने कहा कि यह दोनों संगठनों के सर्वोत्तम दिमाग से योगदान के साथ-साथ प्रयोगशाला के माध्यम से प्रौद्योगिकी के प्रसार में मदद करेगा। इस सहयोग का उद्देश्य प्रौद्योगिकी के प्रभावी उपयोग द्वारा रासायनिक उर्वरक की खपत को कम करके किसानों की सेवा करना है। हम मिट्टी से रसायनों को बाहर निकालने के लिए काम कर रहे हैं। आईसीएआर इन उपक्रमों में सहायता और प्रोत्साहन देगा। उन्होंने आगे कहा कि समझौता ज्ञापन किसानों की समस्याओं को हल करने में मदद करेगा। यह 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के लिए एक और सहयोगी कदम है।