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40 के बाद कैसे बनाएं रिटायरमेंट प्लान

जिंदगी में हम सभी चीजों को व्यवस्थित नहीं कर सकते हैं। लेकिन, कुछ चीजे होती है, जिन्हें आप एक प्लान के...
40 के बाद कैसे बनाएं रिटायरमेंट प्लान

जिंदगी में हम सभी चीजों को व्यवस्थित नहीं कर सकते हैं। लेकिन, कुछ चीजे होती है, जिन्हें आप एक प्लान के तहत व्यवस्थित कर सकते हैं, उनमें से ही एक है आर्थिक नियोजन। आप जब सही तरीके से खुद के लिए और अपने परिवार के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग कर लेते हैं, तो यकीन मानिए पैसों से जुड़ी हुई, कई सारी समस्याओं का आसानी से समाधान हो जाता है। 

यदि आपकी उम्र 40 वर्ष है या इसके आसपास है, तो आइये आपको इस आर्टिकल में बताते हैं कि आपको अपना रिटायरमेंट प्लान  कैसे बनाना चाहिए।

 

इनकम (आय) का 15% निवेश करें

आप रिटायरमेंट प्लान लेने में जितनी देरी करेंगे, आपको प्रीमियम अमाउंट उतना ही अधिक देना होगा। क्योंकि, अगर आपके पास नौकरी के सिर्फ 20 साल बचे हैं तो इन 20 सालों में ही आपको अपनी जीवनशैली के मुताबिक राशि जोड़नी होगी। तभी जाकर आपको रिटायरमेंट प्लान का लाभ मिलेगा। 

अगर आप अपनी कमाई का 15 से 20% हिस्सा रिटायरमेंट प्लान में लगाते हैं तो आपको रिटायरमेंट के आपकी आवश्यकता के मुताबिक रकम आसानी से मिल सकती है। आप चाहे तो अलग-अलग फण्ड में भी निवेश कर सकते हैं। आप चाहें और आपका आर्थिक नियोजन ठीक है तो आप 15% से अधिक रकम भी रिटायरमेंट प्लान में लगा सकते हैं। 

वित्तीय सलाहकार से सहायता ले सकते हैं

कई बार लोगों को समझ नहीं आता है कि उन्हें कब से रिटायरमेंट प्लान बनाना चाहिए या कौन से पेंशन प्लान में पैसे लगाना चाहिए। तो इस तरह की स्थिति में व्यक्ति को चाहिए कि वह वित्तीय सलाहकार से परामर्श ले। ऐसा इसलिए क्योंकि, वित्तीय सलाहकार आपके हिसाब से आपके लिए सही प्लान का चुनाव करेगा। 40 साल की उम्र के आस-पास पहुंचने पर कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए-

  • किसी मित्र या रिश्तेदार की देखा-देखी एक जैसा रिटायरमेंट प्लान नहीं लेना चाहिए।

  • अपनी वित्तीय आवश्यकताओं को अपनी कमाई के अनुसार बढ़ाना चाहिए।

 

40 की उम्र में इन बातों को ध्यान में रखकर करें पेंशन प्लान में निवेश 

वार्षिक खर्च : जब आप एक बार कोई रिटायरमेंट प्लान खरीद लेते हैं तो आपक हर महीने एक निश्चित धनराशि प्रीमियम के तौर पर जमा करना है। 40 वर्ष के उम्र तक खर्चे भी बढ़ जाते हैं, इसलिए वही रिटायरमेंट प्लान लेना चाहिए, जिसमें प्रीमियम भी आसानी से जमा हो जाये और घर के खर्चे भी चलते रहें। अपने पप्रीमियम का हिसाब लगाने के लिए आप रिटाइअर्मन्ट प्लैनिंग कैलक्यूलेटर की मदद ले सकते हैं, जो कि एक अनलाइन टूल है और कई बीमा कॉम्पनियों की वेबसाईट पर निःशुल्क उपलब्ध है। 

 

प्रीमियम राशि  : आपके द्वारा चुने गए पेंशन प्लान की प्रीमियम राशि भरने के नियम और शर्तें अलग हो सकती हैं। किसी प्लान में आपको वार्षिक प्रीमियम भरना होता है तो किसी प्लान में हर महीने प्रीमियम जमा करना होता है। 

आप अपनी सुविधा के अनुसार ही प्रीमियम का प्रकार चुनें। 

 

मैच्योरिटी आयु निर्धारितकरें: इसमें आपको यह चीज निर्धारित करनी होती है, कि आप किस उम्र में पेंशन लेना शुरू करना चाहते हैं।  इसमें कुछ बीमाकर्ता अधिकतम आयु 70 वर्ष तय करते हैं, जबकि कुछ बीमाकर्ता इसे 90 साल तक बढ़ाते हैं। यह आप पर निर्भर करता है। आपकी सुविधा अनुसार तय कर सकते हैं कि कब आपको पेंशन की आवश्यकता है।

  

एक्सीडेंटल डेथ बेनिफिट: आप जो पेंशन प्लान ले रहे हैं, सुनिश्चित करें कि क्या उसमें एक्सीडेंटल डेथ बेनिफिट की सुविधा प्रदान की जाती है। इस लाभ के तहत बीमा धारक की अगर किसी दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है तो इसमें अतिरिक्त बीमा राशि का भुगतान बीमा कंपनी द्वारा किया  जाता है।

 

क्रिटिकल इलनेस राइडर की सुविधा : यह एक ऐसी सुविधा है, जिसमें बीमाधारक यदि किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित होता है, तो उसके इलाज के लिए बीमा कंपनी वित्तीय सहायता प्रदान करती है।

 

पेंशन प्लान विकल्प: चुनें खुद के लिए सही पेंशन प्लान

  

डिफर्ड एन्युइटी पेंशन प्लान : डिफर्ड एन्युइटी पेंशन प्लान एक तरह की आस्थगित पेंशन प्लान होता है। इस पॉलिसी की अवधि में व्यक्ति को सामान्य शुल्क या सिंगल प्रीमियम के द्वारा राशि को जमा किया जाता है। डिफर्ड एन्युइटी पेंशन प्लान में टैक्स में भी लाभ दिया जाता है। इस प्लान को कोई भी खरीद सकता है।  

 

इमीडिएट एन्युटी पेंशन प्लान:  इमीडिएट एन्युटी पेंशन प्लान में आपके प्रीमियम भरते ही तत्काल वार्षिकी योजना के अंतर्गत तुरंत पेंशन मिलना शुरू हो जाता है। इसमें सिंगल प्रीमियम भरना होता है। इस योजना के तहत भी टैक्स में लाभ प्रदान किया जाता है। 

 

निश्चित एन्युइटी पेंशन प्लान: निश्चित एन्युइटी पेंशन प्लान के अंतर्गत एक खास समयसीमा के अंदर के लिए वार्षिकी प्रदान की जाती है। इसमें व्यक्ति अपने लिए कार्यकाल का टेन्योर चुन सकते हैं।  

 

राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) : सुरक्षित पेंशन पाने के लिए लोग सरकार द्वारा संचालित की जाने वाली इस राष्ट्रीय पेंशन का चुनाव कर सकते हैं।  

 

पेंशन फंड्स: पीएफआरडीए ने 6 निगमों को पेंशन फंड्स मैनेजर बनाने के लिए अपनी हामी प्रदान की है। यह पेंशन फंड सुरक्षित रकम बनाने का अच्छा तरीका है। इसमें व्यक्ति लम्बे समय के लिए निवेश करते हैं, जिसकी वजह से रिटर्न अच्छा मिलता है। 

 

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