हरियाणा के रेवाड़ी और गुरुग्राम जिलों में टिड्डियों के झुंड के घुसने के बाद शनिवार को राज्य सरकार ने हाई अलर्ट जारी किया है, दिल्ली के श्रम और विकास मंत्री गोपाल राय ने भी आपात बैठक बुलाई है। टिड्डियों से खरीफ फसलों के साथ ही सब्जियों और पेड़ों को भारी नुकसान की आशंका है।
राष्ट्रीय राजधानी में टिड्डी के संभावित हमले को लेकर दिल्ली के श्रम और विकास मंत्री गोपाल राय ने आज एक आपात बैठक बुलाई। विकास सचिव, डिविजनल कमिश्नर, कृषि निदेशक और ज़िला मजिस्ट्रेट भी इसमें मौजूद रहेंगे। बैठक के बाद दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में टिड्डियों के संभावित हमले को नियंत्रित करने के लिए एडवाइजरी जारी की।
हरियाणा के कृषि और किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, संजीव कौशल ने कहा कि महेंद्रगढ़ से रेवाड़ी और गुरुग्राम तक पहुंचने वाला टिड्डियों का दल 5 किमी लंबा और 2 किमी चौड़ा का एक बड़ा झुंड था। रात में यह झुंड जटुसाना ब्लॉक के पास था। उन्होंने कहा कि भारी कीटनाशक स्प्रे रात और सुबह के दौरान किया गया तथा लगभग 35 फीसदी झुंड को नष्ट कर दिया गया था, लेकिन बाकी आगे उड़ गए। उन्होंने वहां से उड़ान भरी और झज्जर जिले को पार कर गुड़गांव में चले गए। कौशल ने कहा कि उन्हें केंद्र सरकार से मिले इनपुट के अनुसार, "यह संभावना है कि हवा के वेग और दिशा से, यह (टिड्डी दल) पलवल जिले को पार कर जाएगा और फिर उत्तर प्रदेश की ओर बढ़ सकता है। हरियाणा सरकार द्वारा किए गए उपायों के बारे में, उन्होंने कहा कि हम पूरी तरह से सतर्क हैं, हमने जिलों को सतर्क कर दिया गया है। हमारे पास पर्याप्त मात्रा में कीटनाशक हैं तथा हमारे पास ट्रैक्टर पर चलने वाली स्प्रे मशीनें हैं और जहां भी आवश्यक होगा, उन्हें तैनात किया जायेगा।
किसानों को टिड्डियों को भगाने के लिए ड्रम, थाली और ताली बजाकर शोर करने की सलाह दी
राजस्थान और मध्य प्रदेश के साथ ही उत्तर प्रदेश के कई जिलों में नुकसान पहुंचा चुका टिड्डियों का दल गुरुग्राम तक पहुंच गया है। जिससे खरीफ फसलों के साथ ही सब्जियों की फसलों को नुकसान की आशंका है। स्थानीय प्रशासन के अनुसार टिड्डी दल ने आसपास के गांव के साथ ही गुरुग्राम के सेक्टर-5 के साथ ही पालम विहार में भी दावा बोला। इससे जहां खरीफ फसलों को नुकसान होने की आशंका है, वहीं शहर में पेड़ों को भी टिड्डियों का दल नुकसान पहुंचायेगा। स्थानीय प्रशासन ने किसानों को टिड्डियों को भगाने के लिए ड्रम, थाली और ताली बजाकर शोर करने की सलाह दी है। किसानों को अपने पंप (कीटनाशक स्प्रे के लिए) भी तैयार रखना चाहिए ताकि जरूरत पड़ने पर उनका इस्तेमाल किया जा सके। खरीफ सीजन की ज्वार, बाजरा और कपास के साथ ही धान की रोपाई का कार्य चल रहा है।
पिछले महीने ही कृषि विभाग और जिला प्रशासन को टिड्डियों से बचाव के दिए थे निर्देश
गुरुग्राम से पहले महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी और झज्जर जिलों में भी टिड्डी दल दस्तक दे चुका है। महेंद्रगढ़ में तो शुक्रवार को ही टिड्डी दल पहुंच गया था। रेवाड़ी में राज्य के कृषि मंत्री जेपी दलाल टिड्डियों से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए शनिवार सुबह यहां के गांव बोहतवास व जाटूसाना सहित कई गांवों में पहुंचे। दलाल ने कहा कि केंद्र सरकार के विशेषज्ञों ने भी स्थिति का जायजा लेने के लिए रेवाड़ी का दौरा किया और जिला प्रशासन द्वारा समय पर किए गए उपायों की सराहना की। किसानों से बातचीत करने के साथ खेतों में पहुंचकर नुकसान का जायजा लिया। उनके साथ उपायुक्त यशेंद्र सिंह सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। हरियाणा के मुख्य सचिव केसनी आनंद अरोड़ा ने पिछले महीने ही कृषि विभाग और जिला प्रशासन को टिड्डियों के किसी भी हमले से बचाव के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए थे।
देश भर के 84 जिलों में नुकसान पहुंचा चुका है टिड्डियों का दल
केंद्रिय कृषि मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, 21 जून 2020 तक राजस्थान, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र एवं मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के 84 जिले अब तक टिड्डियों की चपेट में आ चुके हैं जहां 1,14,026 हेक्टेयर क्षेत्र में टिड्डी नियंत्रण किया गया है।
राजस्थान के कई जिले हैं टिड्डियों से प्रभावित
राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और हरियाणा के बाद अब पश्चिमी महाराष्ट्र और मध्य भारत के कई हिस्सों में टिड्डियों ने बड़े पैमाने पर फसलों को नुकसान पहुंचाया है। राजस्थान के चोमू के हस्तेड़ा गांव में भी टिड्डियों ने फसलों को नुकसान पहुंचाया है, किसान शीशपाल ने बताया कि टिड्डियों ने चौथी बार हमारे गांव पर हमला किया है। उन्होंने हमारी फसलों और मवेशियों के चारे को बहुत नुकसान पहुंचाया है। हम राज्य सरकार से अपील करते हैं कि हमें कुछ राहत प्रदान करें। बुधवार को, राजस्थान कृषि विभाग के उपनिदेशक बीआर कडवा ने कहा था कि केंद्र पाकिस्तान से राजस्थान में प्रवेश करने वाले टिड्डियों को नियंत्रित करने के लिए हेलीकॉप्टरों का उपयोग करने की योजना बना रहा है। कदवा ने कहा था कि डेढ़ महीने से टिड्डे का हमला जारी है। राजस्थान सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में से एक है। राज्य के जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर और गंगानगर जिले पाकिस्तान की सीमा से लगे हुए हैं, जहां से अन्य जिलों में टिड्डियां प्रवेश कर रही हैं।
टिड्डी को राष्ट्रीय श्रेणी की आपदा घोषित करने की मांग
नागौर से लोकसभा सांसद हनुमान बेनीवाल ने दो दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर टिड्डी को राष्ट्रीय श्रेणी की आपदा घोषित करने की मांग की है, साथ ही सांसद ने अपने पत्र में प्रधानमंत्री से मांग करते हुए कहा कि ईरान व बलूचिस्तान सहित जहां-जहां टिड्डी की उत्पत्ति हो रही है, वहीं, इसका खात्मा किया जाना चाहिये।