डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी की सीधी मार किसानों पर पड़ रही है। सोमवार को लगातार 16वें दिन कीमतों में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी रहा। इन 16 दिनों में देश की राजधानी दिल्ली में डीजल 9.46 रुपये प्रति लीटर तक महंगा हो गया है जिससे खेत की जुताई, सिंचाई और बुआई लेकर मंडी में फसल ले जाने तक का खर्च बढ़ गया है। दिल्ली में सोमवार को डीजल की कीमत 0.58 रुपये की बढ़ोतरी के साथ 78.85 रुपये प्रति लीटर हो गई।
हरियाणा के सोनीपत जिले के गांव कुमासपुर के किसान कृष्ण आंतिल ने बताया कि इस समय धान की रोपाई का कार्य चल रहा है तथा अभी तक मानसूनी बारिश शुरू नहीं हुई है इसलिए ट्यूबवेल से सिंचाई कर रोपाई करनी पड़ रही है। डीजल की कीमतें पिछले 15-16 दिनों में करीब साढ़े नौ रुपये प्रति लीटर तक बढ़ चुकी है, जिससे सिंचाई का खर्च 15 से 20 फीसदी तक बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि मजूदरों की कमी के कारण धान की रोपाई के लिए प्रति एकड़ पहले ही पिछले साल की तुलना में दोगुने दाम 4,500 से 5,000 रुपये देने पड़ रहे हैं। अब महंगे डीजल सेे धान की खेती की लागत और बढ़ जायेगी।
कोरोना के कारण अप्रैल, मई में हुए लॉकडाउन से किसानों को पहले ही आर्थिक नुकसान हुआ है
भारतीय किसान यूनियन, हरियाणा के नेता गुणी प्रकाश ने बताया कि महंगे डीजल से खेत की जुताई, बुआई और सिंचाई से लेकर मंडी में फसल ले जाने का खर्च तक बढ़ जायेगा। उन्होंने कहा कि इस समय खरीफ फसलों धान, ज्वार, बाजरा, सोयाबीन, मूंगफली, अरहर आदि की बुआई का कार्य चल रहा है, इसलिए खेती की लागत में भारी बढ़ोतरी होगी जबकि कोरोना वायरस जैसी महामारी के कारण अप्रैल, मई में हुए लॉकडाउन से किसानों को पहले ही भारी आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट से किसानों को उम्मीद थी कि सरकार डीजल की कीमतें कम करेगी, लेकिन हुआ इसके उलट है।
धान की रोपाई से लेकर जुताई एवं सिंचाई का खर्च इससे कई गुना तक बढ़ गया
मुज्जफरनगर जिले के खरड़ गांव के किसान जितेंद्र मलिक ने बताया कि इस समय खरीफ की प्रमुख फसल धान की रोपाई चल रही है जबकि मानसूनी बारिश शुरू नहीं होने के कारण किसानों को गन्ने के साथ ही ज्वार की फसल की सिंचाई करनी पड़ रही है। अत: महंगे डीजल से सिंचाई का खर्च तो बढ़ा ही है, साथ ही खेत की जुताई भी महंगी हो गई है। उन्होंने बताया कि हमारे यहां एक लीटर डीजल की कीमत बढ़कर सोमवार को 71 रुपये हो गई। उन्होंने बताया कि खरीफ विपणन सीजन 2020-21 के लिए केंद्र सरकार ने धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में मामूली 2.9 फीसदी की बढ़ोतरी ही की है, जबकि धान की रोपाई से लेकर जुताई एवं सिंचाई का खर्च इससे कई गुना तक बढ़ गया है।