कोरोना वायरस के कारण देशभर में हुए लॉकडाउन में केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) को और दो महीनों के लिए बढ़ाया जा सकता है। इस योजना के तहत केंद्र सरकार अगले दो महीने जुलाई और अगस्त में उपभोक्ताओं को मुफ्त अनाज देने की योजना बना रही है। इस योजना के तहत देश के करीब 81 करोड़ सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) उपभोक्ताओं के साथ ही आठ करोड़ प्रवासी मजदूरों को भी अनाज का आवंटन किया जा रहा है, जिनके पास राशन कार्ड नहीं है। साथ ही पीडीएस के तहत प्रत्येक राशन कार्ड पर एक किलो दाल का आवंटन भी किया जा रहा है।
खाद्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार पीएमजीकेएवाई को अगले दो महीने तक बढ़ाने पर विचार चल रहा है। केंद्र सरकार ने देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा के बाद 26 मार्च को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत 81 करोड़ लोगों को अप्रैल से जून तक उनके राशन कार्ड पर प्रति व्यक्ति मिलने वाली निर्धारित अनाज की मात्रा के अलावा पांच किलो अतिरिक्त अनाज (गेहूं अथवा चावल) मुफ्त में देने का प्रावधान किया गया था। साथ ही प्रत्येक राशन कार्ड पर एक किलो दाल का वितरण भी किया जा रहा है।
पीएमजीकेएवाई योजना के तहत 10 जून तक आवंटित 120 लाख टन अनाज में से 115.11 लाख टन अनाज विभिन्न राज्यों को भेजा गया है, जिसमें 107.27 लाख टन अनाज का राज्यों ने उठाव भी कर लिया है। पीएमजीकेएवाई के तहत नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट के करीब 20 करोड़ लाभार्थी परिवारों को 3 महीने तक 1 किलो दाल प्रति परिवार, प्रति महीने मुफ्त आवंटन हेतु, 5.87 लाख टन दालों का आवंटन हो चुका है जिसमें 09 जून तक 5.42 लाख टन दालें राज्यों को भेजी गई है तथा 4.81 लाख टन दाल राज्यों ने उठा ली हैं।
कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ रही है जबकि औद्योगिक गतिविधियां पूरी क्षमता नहीं कर रही है काम
केंद्र सरकार ने दफ्तर, फैक्ट्री, दूकान, होटल और अन्य गतिविधियों को शुरू करने की इजाजत दे दी है, लेकिन देश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या अभी भी बढ़ रही है, जिस कारण औद्योगिक गतिविधियों को पूरी क्षमता से कार्य करने में अभी समय लगेगा। प्रवासी मजदूरों की घर वापसी के कारण श्रमिकों की कमी भी इसके आड़े आ रही है। इसलिए अभी पूरी तरह से स्थिति सामान्य होने में समय लग सकता है। इसीलिए सरकार पीएमजीकेएवाई योजना को अगले दो महीनों तक बढ़ाने पर विचार कर रही है। सूत्रों के अनुसार इस पर करीब 30 हजार करोड़ रुपये का वित्तीय बोझ सरकार पर आने का अनुमान है।
केंद्रीय पूल में खाद्यान्न का बंपर स्टॉक
चालू रबी विपणन सीजन 2020-21 में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) 374.34 लाख टन गेहूं की खरीद कर चुकी है, साथ ही रबी सीजन में 111.44 लाख टन धान की खरीद की है। केंद्रीय पूल में पहली मई को 642.73 लाख टन खाद्यान्न का स्टॉक है, जोकि तय मानकों बफर के हिसाब से पहली अप्रैल को केंद्रीय पूल में खाद्यान्न का 210.40 लाख टन (50 लाख टन के रिजर्व सहित) होना चाहिए।