Home एग्रीकल्चर न्यूज आउटलुक एग्रीटेक समिट में बोले, नीदरलैंड एंबेसी के मिशेल वान, “भारत ज्ञान का पावरहाउस है”
आउटलुक एग्रीटेक समिट में बोले, नीदरलैंड एंबेसी के मिशेल वान, “भारत ज्ञान का पावरहाउस है”
आउटलुक एग्रीटेक समिट में बोले, नीदरलैंड एंबेसी के मिशेल वान, “भारत ज्ञान का पावरहाउस है”

आउटलुक एग्रीटेक समिट में बोले, नीदरलैंड एंबेसी के मिशेल वान, “भारत ज्ञान का पावरहाउस है”

खेती-किसानी की चुनौतियों को कम करने और इस दिशा में कई महत्वपूर्ण योजनाओं का क्रियान्वयन करने के साथ किसानों की आमदनी बढ़ाने के लक्ष्य को लेकर आउटलुक एग्रोटेक समिट और स्वराज अवार्ड्स समारोह का आयोजन किया गया। आयोजन में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री के साथ नीदरलैंड एंबेसी से एग्रीकल्चर काउंसलर, मिशेल वान भी उपस्थित रहे।

उन्होंने कहा कि जब तक उनकी नौकरी की जरूरत नहीं थी, वे कभी न खेतों में गए थे न उन्हें इस संबंध में ज्यादा कुछ पता था। लेकिन जब उन्होंने कृषि से संबंधित बातों पर गौर किया तो पाया कि यह ऐसा क्षेत्र है, जो संभावनाओं से भरा हुआ है।

उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसा वक्त भी आएगा, जब किसान तकनीक से उन्नत होंगे और भविष्य की खेती अलग होगी। लेकिन फिलहाल हमें, प्रोडक्टिविटी बढ़ाने की जरूरत है। हमें खाद्य सुरक्षा पर काम करना होगा, यहां तक कि यूरोप में भी इस पर ध्यान देने की जरूरत है।

उन्होंने डच कंपनी का उदाहरण भी दिया जो कृषि को तकनीक के सहारे उन्नत करने का प्रयास कर रही है। मिशेन वान ने माना कि भारत का कृषि ज्ञान बहुत वैज्ञानिक है और अब जरूरत है कि कृषि महाविद्यालय किसानों के साथ मिल कर काम करें और उनके साथ अपने अध्ययन को साझा करें।

कृषि और कृषि उत्पाद के बारे में बोलते हुए उन्होंने बताया कि नीदरलैंड कृषि उत्पादों में अमेरिका के बाद सबसे बड़ा निर्यातक है। उन्होंने भारत में किसान आंदोलन की पृष्ठभूमि में होने वाले जलवायु परिवर्तन और किसानों के सामने आने वाली परेशानियों का भी जिक्र किया।

लेकिन अब वक्त आ गया है कि स्मार्ट तकनीक से किसानों की समस्याओं के समाधान खोजे जाएं। खाद्य तंत्र हो जैसे, किसान और उपभोक्ता के भी खाद्य श्रृंखला जरूरी है। विश्व में लगभग हर जगह के किसान पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। सभी को जलवायु परिवर्त का सामना करना पड़ रहा है। हमें ब्लॉक चेन तकनीक की ओर जाना चाहिए ताकि किसान को अपने उत्पाद की सही कीमत मिल चुके।

नीदरलैंड एंबेसी और भारत सरकार मिल कर कृषि की उन्नति के लिए काम कर रहे हैं। हम भारतीय किसानों के लिए ग्रीन हाउस तकनीक पर काम कर रहे हैं। हम हाई टेक डच ग्रीन हाउस ला रहे हैं, ताकि भारतीय किसान लाभान्वित हो सकें और इससे सीख सकें। ग्रीन हाउस तकनीक से वे वातावरण की स्थिति को भी जान और सीख पाएंगे।

उन्होंने कहा कि भारत ज्ञान का पावरहाउस है। डच सरकार भारी मात्रा में निवेश कर रही है ताकि किसानों को फायदा मिल सके। हम भारत सरकार के साथ मिल कर हर तरह की चुनौती से निपटेंगे। तकनीक के साथ मिल कर भारत और डच सरकार हर चुनौती से निपटने में सक्षम है।