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ड्राईफ्रूट्स और नट्स की ये खूबियां बताते हैं पोषण विज्ञानी

चारुपद्मा पति पारंपरिक तौर पर भारत में नट्स को शरद ऋतु में कटाई सीजन से जोड़ा जाता है। आज ये हमें पूरे...
ड्राईफ्रूट्स और नट्स की ये खूबियां बताते हैं पोषण विज्ञानी

चारुपद्मा पति

पारंपरिक तौर पर भारत में नट्स को शरद ऋतु में कटाई सीजन से जोड़ा जाता है। आज ये हमें पूरे साल उपलब्ध होते हैं। लेकिन यह थोड़ा आश्चर्यजनक है कि ये दिवाली के समय गिफ्ट के हिस्सा बन गए हैं।

लेकिन नट्स के बारे में कुछ और भी अहम है। आज की तेज भागदौड़ की जिंदगी में हम प्रायः खुद की देखभाल नहीं कर पाते हैं। इससे स्वास्थ्य की समस्याएं पैदा होती हैं और वे प्रायः गंभीर बीमारी का रूप ले लेती हैं। इसलिए पर्याप्त डाइट लेना बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है ताकि तनावपूर्ण जीवन जीने के साथ हमारे पास पर्याप्त ताकत और शक्ति बनी रहे। कुछ खास खाद्य वस्तुओं का उपभोग करना हमारे स्वास्थ्य के लिए चमत्कारी होता है। इनमें ड्राई फ्रूट्स और नट्स हमारे शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की कमी पूरी करने में मददगार होते हैं।

 हमारे शरीर और दिमाग के स्वास्थ्य के लिए नट्स बहुत फायदेमंद होते हैं। आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर नट्स हम सभी के लिए अनिवार्य हैं। कई तरह के नट्स हैं। हर किस्म के नट के फायदे दूसरे से अलग होते हैं।

बादाम, पिश्ता, अखरोट, पेकन (अखरोट से मिलता-जुलता नट) और मूंगफली में बादाम सबसे अच्छा नट माना जाता है और हर किसी को इसके इस्तेमाल के लिए सलाह दी जाती है।  नट्स हमारे लिए उतने ही महत्वपूर्ण हैं जितना नियिमत रूप से भोजन लेना। नट्स हमारे शरीर की संतुलित डाइट में अहम भूमिका निभाते हैं।

नट्स क्यों?

नट्स सूक्ष्म पोषक तत्वों के सबसे अच्छे स्रोत हैं। वे हमें फैट, फाइबर और प्रोटीन उपलब्ध कराते हैं। ये एंटी-ऑक्सीडेंट से भी भरपूर होते हैं जो हमारे शरीर को कई तरह की बीमारियों से लड़ने के लिए प्रतिरोधी क्षमता विकसित करने में अहम भूमिका निभाते हैं। अनुसंधानों से पता चलता है कि जो लोग नट्स का सेवन करते हैं, वे उन लोगों से ज्यादा समय तक जी सकते हैं जो इनका सेवन नहीं करते हैं। बादाम और अखरोट दूसरे नट्स के मुकाबले ज्यादा फायदेमंद होते हैं।

ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स) नई दिल्ली की मुख्य डायटीशियन डा. परमीत कौर कहती हैं, “नट्स पूरी दुनिया में भूमध्यसागरीय क्षेत्र के आहार का अहम हिस्सा हैं। इससे हार्ट की बीमारी, डायबिटीज, स्ट्रोक, वजन बढ़ने, मोटापा और उच्च रक्तचाप की बीमारी होने की संभावना काफी कम होती है।”

बादाम और अखरोट सभी नट्स में सबसे ज्यादा लोकप्रिय नट्स माने जाते हैं। अधिकांश पोषण विज्ञानी और डायटीशियल इनका सेवन करने की सिफारिश करते हैं क्योंकि इनसे हमें कई तरह के फायदे मिलते हैं। प्रायः लोग काम के दौरान, यात्रा के समय और यहां तक कि जब खाली हों, तब भी नट्स साथ में ले जाते दिखाई दे जाते हैं।

बादाम का स्वाद काफी अच्छा होता है, साथ ही यह लंबे समय तक दुग्ध उत्पाद न लेने वाले लोगों के लिए विकल्प के तौर पर काम करता है। बादाम हमारे शरीर में उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को भी धीमा करने में अहम भूमिका निभाता है। एंटी-ऑक्सीडेंट हमारी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं और हार्ट डिजीज तथा कुछ तरह के कैंसर का खतरा घटाने में भी मददगार होता है। बादाम में एंडी-ऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में होता है। कुछ लोग त्वचा निकलने पर बादाम को प्राथमिकता देते हैं, भले ही स्वास्थ्य के लिहाज से यह उनके लिए ठीक न हो। बादाम के बादामी आवरण में एंटी-ऑक्सीडेंट की काफी मात्रा होती है। त्वचा निकलने से शरीर में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट निकल जाता है।

अखरोट भी सबसे लोकप्रिय नट्स में से एक है जिसका सेवन पूरी दुनिया में लोग करते हैं। इनमें कार्बोहाइड्रेट्स कम होता है जबकि ओमेगा-3 से भरपूर होता है जिससे टाइप-2 डायबिटीज जैसी प्रमुख स्वास्थ्य समस्याएं पैदा करने वाली हमारे शरीर की जलन को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

टाइप-2 डायबिटीज प्रायः होती है जो दुनिया में लाखों लोगों को प्रभावित कर रही है। लेकिन जो लोग नट्स का सेवन करते हैं, उन्हें इस बीमारी से सुरक्षित माना जाता है। इनमें कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा कम होती है और इनका सेवन करने वाले लोगों का वजन भी नहीं बढ़ता है।

नट्स हाई-लेवल कोलेस्ट्रोल का खतरा कम करने में भी अहम भूमिका निभाते हैं। पिश्ताऔर बादाम जैसे नट वे तत्व होते हैं जो हाई-लेवल कोलेस्ट्रोल का खतरा कम करने में करते हैं। मोनोसेचुरेटेड और पॉलीसेचुरेटेड फैटी एसिड की मौजूदगी भी खतरे को घटाने में सहायक होता है।

डा. कौर कहती हैं, “एक मुट्ठी नट मानव शरीर को 128 से 204 कैलोरीज देते हैं। इसलिए अन्य खाद्य वस्तुएं लेकर कैलोरी को संतुलित करना आवश्यक होता है ताकि कैलोरी की मात्रा को संतुलित किया जा सके।”

नट का सेवन करने से अपच की समस्याएं भी दूर की जा सकती हैं। फाइबर से भरपूर नट से पाचन तंत्र सुधरता है। हमारे मलाशय में बैक्टीरिया मौजूद होते हैं जिनके कारण भोजन के कणों का पाचन नहीं होता है और गंभीर अपच की समस्या बढ़ जाती है। नट का सेवन करने से पाचन सुधरता है। इनमें मौजूद फाइबर से भोजन के कण पच जाते हैं और समुचित तरीके से शरीर में घुल जाते हैं।

सभी नट स्वास्थ्यवर्धक नहीं

किसी भी वस्तु का हमेशा दूसरा पहलू भी होता है। जहां कभी नट्स का सेवन करना हमारे लिए फायदेमंद साबित होता है, वहां कुछ नट्स ऐसे हैं जिनका सेवन करने की सलाह नहीं दी जा सकती है। ऐसे नट्स का सेवन करना हमें फायदे के बजाय नुकसान पहुंचते है। कुछ तरह के नट्स जैसे मैसेडेमिया नट में कैलोरी की उच्च मात्रा होती है जो इसे खाने वाले का वजन बढ़ाती है और मोटापे की समस्या पैदा करती है।

कुछ किस्मों के नट जैसे काजू के सेवन की सलाह नहीं दी जा सकती है क्योंकि इनमें कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा बहुत अधिक होती है। हालांकि ये हमें अपने स्वाद के कारण आकर्षित करते हैं लेकिन न्यूट्रीशन विशेषज्ञ बादाम और अखरोट खाने की जैसी सलाह देते हैं वैसी सलाह काजू के लिए नहीं देते हैं। उनमें फैट बहुत ज्यादा होता है जबकि फाइबर बिल्कुल नहीं होता है।

एम्स में बाल चिकित्सा विभाग की डायटीशियन डा. अनुजा अग्रवाल कहती है, “नट्स तभी फायदेमंद हो सकते हैं जब उनमें फाइबर हो। वे संतुलित पोषण देते हैं।”

बादाम और अखरोट आमतौर पर महंगे होते है। हर किसी के लिए उन्हें खरीदना और सेवन करना आसान नहीं है। ऐसे में मूंगफली सबसे अच्छा विकल्प है।

डा. अग्रवाल कहती है, “जो लोग बादाम और अखरोट जैसे महंगे नट नहीं खरीद सकते हैं, उन्हें मूंगफली का सेवन अवश्य करना चाहिए। मूंगफली भी अन्य नट्स की तरह फायदेमंद है क्योंकि उन्हें प्रोटीन, फाइबर और कार्बोहाइड्रेट्स होता है। इसलिए वे हमारे शरीर के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्व उपलब्ध कराती हैं।”

एक कप के बराबर मैसेडेमिया से करीब 1000 कैलोरी मिलती है। इसके अधिक सेवन से कैलोरी की मात्रा बढ़ जाती है जिसकी मानव शरीर के लिए आवश्यकता नहीं है। अत्यधिक कैलोरी से हमारे शरीर में फैट बढ़ सकता है।

 पाइन नट्स (देवदार पेड़ के फल का बीज) स्वाद में खट्टा होता है और कहा जाता है कि इसे खाने के बाद काफी समय तक कड़वा स्वाद रहता है। इसके कड़वेपन का असर इतना होता है कि इसे खाने के बाद अगर कोई व्यक्ति कुछ भी खाता है तो उसे कड़वा स्वाद लगता है। इसे पाइन नट्स सिंड्रोम भी कहा जाता है जो खाने के बाद 12 से 48 घंटे तक रहता है। आप कुछ भी खाते हैं, उसकी दुर्गंध और खट्टापन होता है। इसका असर कुछ हफ्तों में खत्म हो जाता है। कभी-कभी इसे खत्म होने में एक महीने तक का वक्त लग जाता है।

आपको कितना खाना चाहिए

जैसा हम जानते हैं कि किसी भी वस्तु के अत्यधिक सेवन से हमें नुकसान हो सकता है। एक मुट्ठी नट का सेवन करने की हमेशा सलाह दी जाती है क्योंकि इससे हमारे शरीर को आवश्यक पोषण मिल जाता है। लेकिन हमें सही अनुमान लगाना होगा कि हमारे लिए कौन सा नट फायदेमंद है और कौन सा नहीं।

कभी-कभी बच्चें अपने शरीर की आवश्यकता के अनुसार भोजन नहीं करते हैं। इसलिए उन्हें पिसी मूंगफली खिचड़ी और दाल में मिलाकर खिपाया जाता है। यह समझना आवश्यक है कि व्यक्ति को सही मात्रा की जानकारी होनी चाहिए कि कितना सेवन करना उचित है। अत्यधिक मात्रा में कुछ भी खाने से अवांछित और नुकसानदायक असर होता है। पसंद आपकी है।

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