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बिहार चुनाव: नवादा में फिर से पति-पत्नी चुनावी अखाड़े में, कब्जा बरकरार रखने की चुनौती

बिहार में 28 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा के प्रथम चरण के चुनाव में नवादा जिले की पांच सीटों में से...
बिहार चुनाव: नवादा में फिर से पति-पत्नी चुनावी अखाड़े में, कब्जा बरकरार रखने की चुनौती

बिहार में 28 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा के प्रथम चरण के चुनाव में नवादा जिले की पांच सीटों में से नवादा में निवर्तमान विधायक कौशल यादव एवं और गोविंदपुर से उनकी विधायक पत्नी पूर्णिमा यादव फिर चुनाव लड़ रही हैं और उनके सामने सीट पर कब्जा बरकरार रखने की चुनौती भी है।

बिहार की वीआईपी सीटों में शुमार नवादा से जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने इस बार भी निवर्तमान विधायक कौशल यादव पर भरोसा दिखाया है, जिन्हें दुष्कर्म मामले में सजायाफ्ता राजबल्लभ यादव की पत्नी एवं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की नवोदित प्रत्याशी विभा देवी चुनौती दे रही हैं। वर्ष 2015 में राजद के राजबल्लभ यादव ने बीएलएसपी उम्मीदवार इंद्रदेव प्रसाद को 16726 मतों के अंतर से हराया था। यादव की विधानसभा सदस्यता समाप्त होने के बाद 2019 में हुए उपचुनाव में जदयू के कौशल यादव ने जीत हासिल की थी।

इस सीट पर तीन दशक से पूर्व विधायक राजबल्लभ यादव और निवर्तमान विधायक कौशल यादव के परिवार का ही कब्जा रहा है। वर्ष 1990 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर कृष्णा प्रसाद इस सीट पर निर्वाचित हुये थे। हालांकि सड़क हादसे में प्रसाद के निधन के बाद उनके छोटे भाई राजबल्लभ यादव ने उनकी विरासत संभाली। श्री यादव ने वर्ष 1995 में निर्दलीय जीत हासिल की। इसके बाद वर्ष 2000 में राजद के टिकट पर राजबल्लभ यादव निर्वाचित हुये। अगले तीन चुनाव फरवरी 2005, अक्टूबर 2005 और वर्ष 2010 में कौशल यादव की पत्नी पूर्णिमा यादव से राजबल्लभ यादव को शिकस्त खानी पड़ी। वर्ष 2015 में राजद की टिकट पर राजबल्लभ यादव ने फिर जीत हासिल की। 2018 में राजबल्लभ को दुष्कर्म के मामले उम्रकैद की सजा मिलने के बाद सदस्यता चली गयी।

नवादा सीट से जहां कौशल यादव फिर से जीतने की कोशिश में जी-जान से जुटे हैं वहीं राजद की विभा देवी पहली बार जीत का सेहरा अपने नाम करने और अपने परिवार की परंपरागत सीट को फिर से वापस पाने की जुगत में है। लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व जिलाध्यक्ष बागी शशिभूषण कुमार को चुनावी समर में उतारा है, जो मुकाबले को रोचक बनाने में लगे हैं। निर्दलीय प्रत्याशी श्रवण कुश्वाहा भी चुनावी दौड़ में हैं।

वर्ष 2019 के उप चुनाव में कौशल यादव ने निर्दलीय प्रत्याशी श्रवण कुश्वाहा को मात दी थी। वहीं, उप चुनाव में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के टिकट पर चुनाव लड़े धीरेन्द्र कुमार सिन्हा मुन्ना इस बार निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। नवादा सीट पर कुल 15 प्रत्याशी मैदान में है, जिनमें 14 पुरुष और एक महिला शामिल है।

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