Home एग्रीकल्चर एग्री ट्रेड मंडियों में फलों की आवक 80 और सब्जियों की 60 फीसदी तक घटी, शहरों में हो सकती है किल्लत
मंडियों में फलों की आवक 80 और सब्जियों की 60 फीसदी तक घटी, शहरों में हो सकती है किल्लत
मंडियों में फलों की आवक 80 और सब्जियों की 60 फीसदी तक घटी, शहरों में हो सकती है किल्लत

मंडियों में फलों की आवक 80 और सब्जियों की 60 फीसदी तक घटी, शहरों में हो सकती है किल्लत

कोरोना वायरस के कारण देशभर में चल रहे 21 दिनों के लॉकडाउन का असर मंडियों में फल एवं सब्जी की आवक पर पड़ा है। इससे जहां फलों की आवक 75 से 80 फीसदी तक कम हो गई है, वहीं सब्जियों की आवक भी 50 से 60 फीसदी तक घट गई है।

दिल्ली की आजादपुर फल एवं सब्जी मंडी एशिया की सबसे बड़ी मंडी है। लॉकडाउन के कारण मंडी में फलों की आवक घटकर मात्र 20 से 25 फीसदी ही रह गई है। मंडी के फल कारोबारी तेजिंदर सिंह ने आउटलुक को बताया कि लॉकडाउन के कारण रेहड़ी, पटरी पर फल बिक नहीं रहे हैं, जबकि पड़ौसी राज्यों की छोटी मंडियों को भी माल कम जा पा रहे हैं, इसलिए व्यापारी भी माल कम मंगा रहे हैं। उन्होंने बताया कि फल एक-दो दिन नहीं बिके तो खराब हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि केले की आवक घटकर 30 से 35 फीसदी, अंगूर की 25 से 30 फीसदी, अनार की 15 से 20 फीसदी और सेब की आवक 20 से 25 फीसदी रह गई है। लॉकडाउन के कारण जहां किसानों की फल एवं सब्जियां बिक नहीं पा रही है, वहीं परिवहन लागत बढ़ने से उपभोकताओं को उंचे दाम पर खरीदना पड़ रहा है।

केले के साथ सेब, अंगूर और संतरे की आवक प्रभावित

फल कारोबारी एमआर कृपलानी ने बताया कि लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर फलों की आवक पर पड़ा है। मंडी में संतरे की पांच से सात गाड़ियों की आवक ही रह गई है, जबकि लॉकडाउन से पहले 35 से 40 ट्रक आ रहे थे। इसी तरह से अंगूर एक दिन छोड़कर मंगाया जा रहा है। फलों के खरीदार कम होने से मंडियों से उठाव नहीं हो रहा है। मंडी में सेब कोल्ड स्टोरेज से जबकि अनार गुजरात और राजस्थान से, केले आंध्रप्रदेश और अंगूर महाराष्ट्र से तथा संतरा महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से आ रहा है। आम की आवक भी दक्षिण भारत से बढ़नी शुरू हो गई थी, लेकिन अब इसकी आवक भी काफी कम हो गई है।

अन्य राज्यों से आने वाली सब्जियों की आवक ज्यादा घटी

पोटेटो एंड अनियन मर्चेंट एसोसिएशन (पोमा) के महासचिव राजेंद्र शर्मा ने बताया कि लॉकडाउन के कारण मंडी में सब्जियों की आवक 50 से 60 फीसदी तक कम हो गई है। उन्होंने बताया कि दिसावरी मंडियों से आ रही सब्जियां मटर, करेला, भिंडी और शिमला मिर्च की आवक काफी कम हो गई है। घीया, पेठा, बेंगन और गोभी की आवक दिल्ली एनसीआर से ज्यादा हो रही है, इसलिए इन्हीं की बिक्री भी ज्यादा हो रही है। उन्होंने बताया कि मंडी में टमाटर का भाव 300 से 350 रुपये प्रति 25 किलो रहा जबकि अन्य हरी सब्जियां 10 से 30 रुपये प्रति किलो तक बिक रही है।

आलू और प्याज की आवक में भारी गिरावट

सब्जी कारोबारी बलबीर सिंह भल्ला ने बताया कि आलू की आवक मंडी में 40 से 45 मोटर और प्याज की आवक 18 से 20 मोटर की रह गई है जबकि लॉकडाउन से पहले 70 से 80 मोटर आलू और 50 से 60 मोटर प्याज आ रहा था। उन्होंने बताया कि होटल बंद है, साथ ही रेहड़ी, पटरी पर भी सब्जियां नहीं बिक रही हैं। इसलिए व्यापारी भी कम माल मंगा रहे हैं। ओखला मंडी के सब्जी कारोबारी जावेद ने बताया कि लॉकडाउन के कारण मंडी में सब्जियों की आवक में भारी कमी आई है। लॉकडाउन के कारण सब्जियों का उठाव नहीं हो रहा, इसलिए व्यापारी भी कम माल मंगा रहे हैं।

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