चालू रबी में चना का रिकार्ड उत्पादन किसानों के लिए घाटे का सौदा साबित हो रहा है। नई फसल की आवकों का दबाव बनने से पहले ही चना की कीमतें समर्थन मूल्य से 18 से 26 फीसदी तक नीचे आ चुकी है, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। ऐसे में केंद्र सरकार पर किसानों को चने की फसल का उचित मूल्य दिलाना भी एक बड़ी चुनौती होगी।
आंध्रप्रदेश की मंडियों में चना की नई फसल की आवक शुरू हो चुकी है, नेफेड के अनुसार राज्य की मंडियों में चना के भाव घटकर 3,600 से 4,000 रुपये प्रति क्विंटल रह गए हैं, जबकि केंद्र सरकार ने चालू रबी विपणन सीजन 2020-21 के लिए चना का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएएपी) 4,875 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। कर्नाटक की गुलबर्गा मंडी के दलहन कारोबारी चंद्रशेखर एस नादर ने बताया कि मंडी में चना के भाव घटकर 3,800 से 4,000 रुपये प्रति क्विंटल रह गए हैं, उन्होंने बताया कि चालू महीने के मध्य तक दैनिक आवक और बढ़ेगी।
अप्रैल में उत्पादक मंडियों में चना की आवकों का दबाव रहेगा
लारेंस रोड़ के दलहन कारोबारी राधाकिशन गुप्ता ने बताया कि आंध्रप्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र की मंडियों में नए चना की आवक शुरू हो गई है, तथा मौसम साफ रहा तो चालू महीने के मध्य तक मध्य प्रदेश की मंडियों में भी नई फसल की आवक शुरू हो जायेगी तथा राजस्थान में चालू महीने के अंत तक नया चना आयेगा। अप्रैल में उत्पादक मंडियों में चना की आवकों का दबाव रहेगा। उन्होंने बताया कि चालू सीजन में चना का रिकार्ड उत्पादन होने का अनुमान है, जबकि नेफेड के पास पुराना स्टॉक भी बचा हुआ है इसीलिए दाल मिलों की मांग कमजोर है। लारेंस रोड़ पर 3,950 से 4,050 रुपये प्रति क्विंटल की दर से चना में व्यापार हो रहा है।
आंध्रप्रदेश से समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू
कृषि मंत्रालय ने पीएसएस स्कीम के तहत चालू रबी में राजस्थान से 6,15,750 टन, तेलंगाना से 47,600 टन, गुजरात से 57,248 टन, आंध्रप्रदेश से 60,468 टन और कर्नाटक से 1,43,390 टन चना खरीदने की मंजूरी दी है। चना की समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए नेफेड को अधिकृत किया गया है। आंध्रप्रदेश से चना की खरीद नेफेड ने शुरू कर दी है, तथा राज्य की मंडियों में 3 मार्च तक 18,899 टन चना खरीद गया है।
चना का रिकार्ड 112.2 लाख टन उत्पादन का अनुमान
कृषि मंत्रालय के दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार चना का उत्पादन चालू रबी में बढ़कर रिकार्ड 112.2 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 99.4 लाख टन का उत्पादन हुआ था। चना की बुआई चालू रबी सीजन में पिछले साल के 95.89 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 106.40 लाख हेक्टयेर में हुई थी। नेफेड के पास चना का बकाया स्टॉक भी करीब 15.45 लाख टन का बचा हुआ है, इसमें 10 लाख टन रिजर्व है, जिसकी सप्लाई राज्य सरकारों को की जानी है।