Home एग्रीकल्चर एग्री बिजनेस हिमाचल ने पड़ोसी राज्यों को मछली निर्यात किया शुरू, लॉकडाउन खुलने के बाद 600 टन का उत्पादन
हिमाचल ने पड़ोसी राज्यों को मछली निर्यात किया शुरू, लॉकडाउन खुलने के बाद 600 टन का उत्पादन
हिमाचल ने पड़ोसी राज्यों को मछली निर्यात किया शुरू, लॉकडाउन खुलने के बाद 600 टन का उत्पादन

हिमाचल ने पड़ोसी राज्यों को मछली निर्यात किया शुरू, लॉकडाउन खुलने के बाद 600 टन का उत्पादन

हिमाचल प्रदेश के पशुपालन और मत्स्य पालन मंत्री ने आज कहा कि राज्य सरकार ने अपने जलाश्यों से पड़ोसी राज्यों पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली के लिए मछली निर्यात शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य में पहले चरण में खोले गए लाॅकडाउन के बाद मई 2020 तक कुल 683 लाख रुपये की 600 टन मछली का मत्स्य संसाधनों से उत्पादन किया गया है जिसे पड़ोसी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को निर्यात के अलावा और राज्य के बाजारों में भी बेची गई है।

अप्रैल 2020 के बाद राज्य में विभिन्न खुदरा बिक्री केंद्रों में कुल 17,549 किलोग्राम मछली बेची गई। उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन के कारण प्रदेश में मछली उत्पादन प्रभावित हुआ था, परन्तु अब स्थिति सामान्य होती जा रही है और विभाग जल्द ही मत्स्य गतिविधियां आरम्भ करेगा। पड़ोसी राज्यों को यहां से मछली का निर्यात बढ़ाने के लिए बहुत सम्भावनाएं हैं और आगामी वर्षों में सरकार ट्राउट, एग्जाॅटिक कार्प, सिंघारा, आईएमसी आदि का व्यापक स्तर पर निर्यात करने पर विचार कर रही है।

निजी निवेश बढ़ाने के साथ मत्स्य क्षेत्र में बेरोजगार युवाओं को मिलेगा रोजगार

मंत्री ने कहा कि ट्राउट, एग्जाॅटिक कार्प, सिंघारा, आईएमसी आदि का मछली उत्पादन स्वयं सहायता समूह, मछली सहकारी सभाओं, निजी निवेशकों आदि के जरिए प्रोत्साहित किया जाएगा। वीरेन्द्र कंवर ने कहा कि मछली उत्पादकों को विभाग की विभिन्न नीतियों, कार्यक्रमों और बाजार की स्थिति के बारे में अवगत करवाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी आधारित सेवाओं का प्रयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना से मत्स्य अधोसंरचना के सृजन, आधुनीकीकरण और निर्यात के माध्यम से राजस्व बढ़ाने में सहायता मिलेगी। इस योजना के अन्तर्गत निजी निवेश को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ मत्स्य क्षेत्र में बेरोजगार युवाओं के लिए आगामी पांच वर्षों में रोजगार के अतिरिक्त अवसर उपलब्ध करवाने पर भी बल दिया गया है।

लाॅकडाउन में मछली पालकों को हुए नुकसान के लिए दी गई सहायता राशि

वीरेन्द्र कंवर ने कहा कि लाॅकडाउन अवधि के दौरान सरकार ने मत्स्य गतिविधियां प्रोत्साहित करने के लिए कई कदम उठाए और निजी मछली किसानों को 76,650 मछली बीज उपलब्ध करवाया गया। इसके अलावा 77,245 मछली बीज स्टाॅक किया गया। प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में स्थित ट्राउट फार्म में 5,900 किलोग्राम ट्राउट फीड उपलब्ध करवाया गया। निजी ट्राउट किसानों को भी 3,239 किलोग्राम ट्राउट फीड उपलब्ध करवाया गया। उन्होंने कहा कि मत्स्य विभाग ने कोविड-19 के संक्रमण के कारण मत्स्य पालकों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए राज्य जलाश्यों के 5,350 मछली उत्पादकों को 1.07 करोड़ रुपये का राहत पैकेज प्रदान किया है। प्रत्येक मछली उत्पादक को 1 माह की अवधि के लिए 2000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गई।

एजेंसी इनपुट