Home एग्रीकल्चर एग्री बिजनेस मक्का किसानों को उचित भाव मिलने लगा तो सरकार ने दी एक लाख टन आयात की मंजूरी
मक्का किसानों को उचित भाव मिलने लगा तो सरकार ने दी एक लाख टन आयात की मंजूरी
मक्का किसानों को उचित भाव मिलने लगा तो सरकार ने दी एक लाख टन आयात की मंजूरी

मक्का किसानों को उचित भाव मिलने लगा तो सरकार ने दी एक लाख टन आयात की मंजूरी

मक्का किसानों को फसल का उचित भाव मिलने लगा तो सरकार ने एक लाख टन मक्का के आयात की मंजूरी दे दी, जिसका असर आगे कीमतों पर पड़ सकता है। केंद्र सरकार ने खरीफ विपणन सीजन 2018-19 के लिए मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 1,700 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है तथा रबी में मक्का के प्रमुख उत्पादक राज्य बिहार की मंडियों में भी मक्का 1,700 रुपये प्रति क्विंटल बिक रही है।

विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार 15 फीसदी आयात शुल्क पर एक लाख टन फीड मक्का का आयात किया जायेगा। सार्वजनिक कंपनी एमएमटीसी और नेफेड 50,000-50,000 टन मक्का का आयात करेंगी। आयातित मक्का आने पर घरेलू बाजार में मक्का की कीमतों पर इसका असर पड़ने की संभावना है।

उत्पादक मंडियों में समर्थन मूल्य पर बिक रही है मक्का

बिहार की नौगछिया मंडी के मक्का कारोबारी पवन अग्रवाल ने बताया कि शनिवार को मंडी में मक्का के भाव 1,700 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। पिछले दो दिनों में मक्का की कीमतों में 40 से 50 रुपये प्रति क्विंटल का सुधार आया है। उन्होंने बताया कि चालू रबी में राज्य में मक्का का उत्पादन कम होने का अनुमान है इसीलिए भाव में सुधार आया है। दिल्ली के मक्का कारोबारी कमलेश जैन ने बताया कि बिहार की मक्का के हरियाणा और पंजाब पहुंच मक्का के सौदे 1,900 से 1,925 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि हिमाचल और पंजाब में समर मक्का की आवक हो रही है, लेकिन आवक कम होने के कारण भाव में सुधार आया है।

कई राज्यों में उत्पादन में आई कमी

सूत्रों के अनुसार पिछले मानसून सीजन में बारिश सामान्य से कम होने के साथ ही कई राज्यों में कीट फाल आर्मीवर्म के संक्रमण के कारण खरीफ 2018 में मक्का की फसल को कई राज्यों में नुकसान हुआ था, जिस कारण गुजरात, महाराष्ट्र के साथ ही कर्नाटक आदि में मक्का का उत्पादन कम हुआ था। रबी सीजन में मक्का का उत्पादन सबसे ज्यादा बिहार में होता है, तथा बिहार में उत्पादन कम होने का अनुमान है।

वर्ष 2015 में भी हुआ था मक्का का आयात

मई में एडवांस लाइसेंस के तहत स्टार्च मिलों ने करीब 80 हजार टन मक्का के आयात सौदे किए थे। आयातकों ने यूक्रेन से लगभग 205 डॉलर प्रति टन की दर से आयात सौदे किए थे, जोकि बंदरगाह के आस-पास स्थित स्टार्च मिलों को सस्ती पड़ रही थी। जीएम होने के कारण ब्राजील और अमेरिका से मक्का के आयात की संभावना नहीं है। सूत्रों के अनुसार इससे पहले वर्ष 2015 में भी केंद्र सरकार ने पांच लाख टन मक्का के आयात की अनुमति दी थी, लेकिन आयात हुआ था केवल 2.5 लाख टन।

मक्का उत्पादन में कमी का अनुमान

कृषि मंत्रालय के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2018-19 में रबी सीजन में मक्का का उत्पादन घटकर 71.9 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल रबी में 86.3 लाख टन का उत्पादन हुआ था। देश में खरीफ में मक्का का उत्पादन ज्यादा होता है। फसल सीजन 2018-19 में खरीफ और रबी सीजन को मिलाकर कुल उत्पादन 278.2 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 287.5 लाख टन का उत्पादन हुआ था।

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