देश में लगातार 18वें दिन तेल के दाम बढ़े। पहली बार ऐसा हुआ जब दिल्ली में डीजल की कीमत पेट्रोल को पार कर गई। सरकारी तेल कंपनियों ने ईंधन की कीमते बढ़ाईं तो दिल्ली में पेट्रोल की कीमत तो मंगलवार के बराबर यानी 79.76 रुपये पर टिकी रही, डीजल की कीमत 79.40 रुपये से बढ़कर 79.88 पैसे प्रति लीटर हो गई जो कल के मुकाबले 48 पैसे महंगा है। डीजल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी से खरीफ फसलों की बुआई का खर्च बढ़ जायेगा।
देश भर के 250 से ज्यादा किसान संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाले अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) एवं राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के संयोजक वीएम सिंह ने आउटलुक को बताया कि यह समय खरीफ फसलों की बुआई का है, ऐसे में डीजल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी की सीधी मार किसानों पर पड़ रही है। उन्होंने बताया कि खेत की जुताई, सिंचाई और बुआई से लेकर मंडी ले जाने तक का खर्च बढ़ गया है। वीएम सिहं ने कहा कि डीजल की कीमतों में भारी बढ़ोतरी से किसान और आम आदमी दोनों पर मार पड़ेगी, इसलिए सरकार एटीएफ यानी विमान ईंधन के दाम पर ही किसानों को भी डीजल दे तो उन्हें राहत मिल जायेगी।
डीजल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी के आधार पर फसलों के एमएसपी भी बढ़ाये जाए - वीएम सिंह
वीएम सिंह ने कहा कि जब केंद्र सरकार ने चालू खरीफ सीजन के लिए फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय किए थे, उसके बाद से डीजल की कीमतों में 18 से 20 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है, इसलिए हम प्रधानमंत्री से मांग करते हैं कि डीजल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी के आधार पर ही फसलों के एमएसपी भी बढ़ाये जाए। उन्होंने कहा कि खरीफ सीजन की प्रमुख फसल धान का एमएसपी केंद्र सरकार ने केवल 2.9 फीसदी ही बढ़ाया है जबकि इसके मुकाबले डीजल के दाम ज्यादा बढ़ चुके हैं। उन्होंने कहा कि डीजल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी से परिवहन लागत बढ़ गई है, जिस कारण सब्जियों को मंडी ले जाने का खर्च तो बढ़ गया है लेकिन सब्जियों की कीमतें नीचे ही बनी हुई हैं, जिसका नुकसान किसानों को उठाना पड़ रहा है।
डीजल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी से बुआई की लागत करीब 10 फीसदी तक बढ़ी - राजू शेट्टी
स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के नेता एवं पूर्व लोकसभा सदस्य राजू शेट्टी ने कहा कि डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी से खेत की जुताई के साथ ही बुआई भी महंगी हो गई है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के कारण अप्रैल, मई में सब्जी और फलों के किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था, जबकि अब लगातार डीजल की कीमतें बढ़ रही है। जिससे किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है। उन्होंने कहा कि चालू महीने में डीजल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी से खरीफ फसलों की बुआई की लागत ही करीब 10 फीसदी से ज्यादा बढ़ चुकी है।
डीजल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी की मार सीधे आम आदमी पर - राकेश टिकैत
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि डीजल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी की मार सीधे आम आदमी पर पड़ रही है। उन्होंने कहा कि इस समय धान की रोपाई का कार्य जोरों पर है, तथा मानसूनी बारिश अभी कई राज्यों में शुरू नहीं हुई है, इसलिए किसान ट्यूबवेल से सिंचाई कर धान की रोपाई कर रहा है। महंगे डीजल से धान की रोपाई तो महंगी हो ही जायेगी, साथ ही शहर से खाद एवं बीज लाने का खर्च भी बढ़ जायेगा। उन्होंने कहा कि डीजल के दाम पेट्रोल से भी महंगे हो गए हैं, यह बात समझ से परे है तथा भाकियू इसका विरोध करती है।
विश्व बाजार में कच्चे तेल की कीमतें रही नरम
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में यूं तो पिछले 18 दिनों में से अधिकतर दिन कच्चे तेल की कीमतों में नरमी का ही रुख रहा, लेकिन घरेलू बाजार में डीजल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। अभी इंडियन बास्केट कच्चे तेल की कीमत 40 डॉलर प्रति बैरल के आसपास चल रही है। लेकिन पेट्रोल-डीजल की कीमतों में उस हिसाब से कमी नहीं हुई है। इसी का असर है कि पिछले 18 दिनों में डीजल की कीमत में 10.48 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है।