महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मॉनसून का सीजन शुरू होने से पहले बृहस्पतिवार को बैठक कर राज्य में खरीफ की फसल की बुआई की तैयारियों का जायजा लिया। बैठक के दौरान अधिकारियों ने बताया कि राज्य में 18 जून को मॉनसून के आगमन का अनुमान है और राज्य में 140.11 लाख हेक्टेयर में खरीफ की फसल होती है।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि 140.11 लाख हेक्टेयर में से 82 लाख हेक्टेयर भूमि पर सोयाबीन और कपास की फसल होती है जोकि कुल खरीफ की बुआई का 60 फीसदी हिस्स हैै। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान 9,68,550 क्विंटल फल और सब्जियों को सीधे ऑनलाइन बेचा गया। इसके लिये 3,212 केन्द्र बनाए गए थे।
महात्मा ज्योतिराव फुले कृषि कर्ज माफी योजना के तहत 19 लाख खातों में जमा की सहायता राशि
बयान में कहा गया है कि खरीफ के मौसम में राज्य में 17.01 लाख क्विंटल बीजों की आवश्यकता होगी। राज्य में कपास का उत्पादन 410 लाख क्विंटल होने का अनुमान है, जिसमें से अब तक 344 लाख क्विंटल कपास की खरीद की जा चुकी है तथा शेष हिस्सा 20 जून तक खरीदा जाएगा। राज्य में कपास की खरीद के लिए 163 केंद्र खोले गए हैं और हर रोज 2 लाख क्विंटल की खरीद के निर्देश दिए गये हैं। राज्य सरकार की महात्मा ज्योतिराव फुले कृषि कर्ज माफी योजना के तहत 32 लाख खाताधारकों में से 19 लाख के खातों में 12,000 करोड़ रुपये की ऋण माफी की राशि जमा की जा चुकी है। अधिकारियों ने बैठक के दौरान कहा कि धन की कमी के कारण 11.12 लाख खातों में 8,100 करोड़ रुपये डाले जाने बाकी हैं।
सरकार किसानों के फसल ऋण को लेकर आरबीआई का कर रही है अनुसरण
ठाकरे ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हुई बैठक में कहा कि सरकार किसानों के फसल ऋण को लेकर आरबीआई का अनुसरण कर रही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि कोविड-19 महामारी के समय में भी किसानों का अच्छी तरह ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारा ध्यान उच्च गुणवत्ता वाली फसल के उत्पादन पर होना चाहिये, जिसे भारी मात्रा में निर्यात किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कोविड -19 के चलते बहुत बदलाव आएंगे और कृषि क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। ठाकरे ने कहा कि हमारी सरकार जल्द ही छह महीने पूरे करने वाली है। हमने एक अच्छा बजट पेश किया। लेकिन, इसके तुरंत बाद हम कोरोना वायरस महामारी में फंस गए। देश की अर्थव्यवस्था इस वक्त खतरे में है।
पीटीआई एजेंसी इनपुट