कोरोना वायरस से बचाव के लिए देशभर में चल रहे लॉकडाउन की वजह से पिछले दो-ढ़ाई महीनों में त्रिपुरा में प्राकृतिक रबर उद्योग को करीब 250 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। राज्य के मुख्यमंत्री विप्लब कुमार देब ने कहा कि देशभर में लॉकडाउन का असर राज्य के रबर क्षेत्र पर पड़ा है।
केरल के बाद त्रिपुरा भारत में दूसरा सबसे बड़ा रबर उत्पादक राज्य है, जिसमें 85,038 हेक्टेयर भूमि में रबर की खेती होती है तथा राज्य में प्रति वर्ष 74,139 टन रबर का उत्पादन होता है। त्रिपुरा के करीब 1.50 लाख से अधिक परिवार प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्राकृतिक रबर की खेती से जुड़े हुए हैं। देब ने कहा कि लॉकडाउन के कारण राज्य के बाहर प्राकृतिक रबर की सप्लाई नहीं हो सकी, तथा देशभर में चल रहे लॉकडाउन के कारण कच्चे माल का उपयोग करने वाले अधिकांश उद्योग भी बंद हैं। मुख्यमंत्री ने स्थानीय टेलीविजन चैनलों पर प्रसारित वीडियो रिकॉर्ड में कहा कि त्रिपुरा को प्राकृतिक रबर क्षेत्र से सालाना लगभग 1,500 करोड़ रुपये की आय होती है।
प्राथमिक क्षेत्रों से राज्य के राजस्व को बढ़ाने और आर्थिक स्थिति मजबूत करने पर जोर
देब ने कहा कि ऐसी स्थिति में, राज्य सरकार ने प्राथमिक क्षेत्रों से राज्य के राजस्व को बढ़ाने और अपने लोगों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए विकल्प के रूप में बढ़ावा देने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुर्गीपालन, मत्स्य पालन, पशुपालन, डेयरी, कृषि, बागवानी और फूलों की खेती जैसे प्राथमिक क्षेत्र कम निवेश के माध्यत से तेजी से आय बढ़ाते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य की भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार ने दो साल पहले पदभार संभालने के बाद शुरू से ही प्राथमिक क्षेत्रों को मजबूत करने के लिए काम करना शुरू कर दिया था, लेकिन वर्तमान स्थिति को देखते हुए, ऐसे क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता के लिए निर्धारित समय सीमा निर्धारित की गई है।
त्रिपुरा में कटहल, अनानास और संतरा की बड़े पैमाने पर होती है खेती
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार त्रिपुरा को एक मॉडल राज्य में बदलने के अपने लक्ष्य से पीछे नहीं हटेगी। हमें इस संदर्भ में सभी वर्गों से सहयोग की आवश्यकता है। आंध्रप्रदेश, पश्चिम बंगाल से 150 करोड़ रुपये मूल्य के मछली के बीज खरीदता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसकी आपूर्ति त्रिपुरा भी कर सकता है, तथा इस संबंध में राज्य सरकार आंध्रप्रदेश के साथ पहले से ही संपर्क में है, इससे राज्य के मछली पालकों की आय में बढ़ोतरी हो सकती है। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि त्रिपुरा में कटहल, अनानास और संतरा जैसे फलों का बड़ी मात्रा में उत्पादन होता है। संतरा को त्रिपुरा के विभिन्न स्थानों में उगाया जाता है। बागवानी के उत्पादन में तीन गुना की वृद्धि की जानी है।
एजेंसी इनपुट