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नेपाल में टला बाढ़ का खतरा

नेपाल और भारत में बाढ़ का खतरा टल गया है क्योंकि भूस्खलन की वजह से नदी का रूका हुआ पानी सामान्य रूप से बहने लगा है। जिस मलबे ने इसे रोका हुआ था वह बह गया है।
नेपाल में टला बाढ़ का खतरा

अब लोग अपने घर लौटने लगे हैं। अधिकारियों के मुताबिक, काली गंडकी नदी शनिवार देर शाम भूस्खलन की वजह से अवरूद्ध हो गई थी। नदी का प्रवाह अवरूद्ध होने के 16 घंटे बाद सामान्य हो गया है। म्याग्डी के मुख्य जिलाधिकारी टेक बहादुर के सी ने कहा क्षेत्र अब खतरे से बाहर है। नेपाल के म्याग्डी जिले और आसपास के इलाकों के जो लोग सुरक्षित स्थानों पर चले गए थे, वब वापस आ गए हैं। बहादुर ने कहा कि निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा टल गया है।

नदी बैसारी में अवरूद्ध हुई थी, जहां पर बेनी जॉमसॉम मार्ग के किनारे एक बड़ा भूस्खलन हुआ था और एक चट्टान नदी में गिर गई थी। बहादुर ने कहा, कोई व्यक्ति हताहत नहीं हुआ। पुलिस ने नदी की धारा अवरूद्ध होने के बाद करीब 125 लोगों को गांव से निकाला, जबकि हजारों अन्य ग्रामीण सुरक्षित स्थानों पर चले गए थे। उन्होंने कहा कि संपत्ति को भी ज्यादा क्षति नहीं हुई है। काली गंडकी नदी मध्य नेपाल और उत्तर भारत में बहती है।

यह काली और त्रिसूली नदियों की धारा के मिलने से बनी है। नेपाल में 25 अप्रैल को आए 7.9 तीव्रता वाले भूकंप के बाद कई बार भूस्खलन हो चुका है। इसके बाद 12 मई को 7.3 तीव्रता का भूकंप और भूकंप बाद के करीब 260 झटके आ चुके हैं।

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