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चीन ने अमेरिका को चेताया, भारत के साथ सीमा विवाद में दखल न दे

भारत में अमेरिका के राजदूत द्वारा अरूणाचल प्रदेश का दौरा किए जाने पर चीन ने कड़ा एतराज जताते हुए अमेरिका को चेतावनी दी है कि चीन-भारत सीमा विवाद में उसका कोई भी हस्तक्षेप इस विषय को और भी पेचीदा बनाएगा और सीमा पर कड़ी मेहनत से हासिल की गई शांति में खलल डालेगा। हालांकि भारत ने चीन की प्रतिक्रिया पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा है कि अरूणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है और इसलिए अमेरिकी राजदूत के वहां का दौरा करने में कुछ भी गलत नहीं है।
चीन ने अमेरिका को चेताया, भारत के साथ सीमा विवाद में दखल न दे

भारत में अमेरिका के राजदूत रिचर्ड वर्मा के अरूणाचल प्रदेश दौरे के कुछ दिनों बाद चीन ने अमेरिका को भारत-चीन सीमा विवाद से दूर रहने की चेतावनी दी है। चीन अरूणाचल के दक्षिणी तिब्बत होने का दावा करता है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु कांग ने अमेरिका से भारत-चीन सीमा विवाद में हस्तक्षेप करने से बचने को कहा। उन्होंने कहा कि चीन इस यात्रा का सख्त विरोध करता है। अरूणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू के निमंत्रण पर अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा 22 अक्तूबर को  तवांग गए थे। रिचर्ड की उस यात्रा का उल्लेख करते हुए लू ने कहा कि अमेरिकी राजदूत ने एक विवादित क्षेत्र का दौरा किया है। उन्होंने कहा, हमने इस बात का संज्ञान लिया है कि अमेरिका के वरिष्ठ राजनयिक अधिकारी ने जिस जगह का दौरा किया है वह चीन और भारत के बीच विवादित क्षेत्र है। हम इस यात्रा के पूरी तरह खिलाफ हैं। चीन अरूणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताता है और इस इलाके में भारतीय नेताओं, विदेशी अधिकारियों तथा दलाई लामा की यात्रा का नियमित विरोध करता है। वहीं भारत का मानना है कि अकसाई चीन को लेकर विवाद है जिस पर चीन ने 1962 की जंग में कब्जा कर लिया था।

वहीं चीन के ऐतराज जताए जाने पर भारत ने कहा कि एक ऐसे राज्य की अमेरिकी राजदूत द्वारा यात्रा करने में कुछ भी असामान्य नहीं है जो देश का अभिन्न हिस्सा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा, अमेरिकी राजदूत ने अरूणाचल प्रदेश का दौरा किया, जो देश का अभिन्न हिस्सा है जिसके लिए उन्हें मान्यता प्राप्त है। इससे पहले लु ने कहा कि अमेरिका का व्यवहार चीन और भारत के प्रयासों के प्रतिकूल है। यह विवाद को और अधिक पेचीदा बनाएगा, सीमावर्ती इलाकों पर कड़ी मेहनत से हासिल की गई शांति एवं स्थिरता में खलल डालेगा और क्षेत्र के शांतिपूर्ण विकास पर बुरा असर डालेगा। दोनों देश बातचीत और परामर्श के माध्यम से क्षेत्रीय विवादों को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं। दोनों पक्षों ने 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा से जुड़े विवादों को सुलझाने के लिए विशेष प्रतिनिधियों की 19वें दौर की वार्ता की थी। लु ने कहा कि आखिर में जाकर सिर्फ दोनों देशों के लोग ही पीड़ित होंगे।

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