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तिब्बत में भी भूकंप, मरने वालों की संख्या 20 हुई

नेपाल में आए शक्तिशाली भूकंप के कारण दक्षिण पश्चिम चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में आए भूकंप में मरने वालों की संख्या सोमवार को बढ़कर 20 हो गई है जबकि प्रभावित क्षेत्र में राहत और बचाव का सिलसिला जारी है।
तिब्बत में भी भूकंप, मरने वालों की संख्या 20 हुई

क्षेत्रीय आपदा राहत मुख्यालय के मुताबिक, इसमें 58 लोग घायल हुए हैं इसके अलावा चार लोगों के लापता होने की सूचना है। शनिवार को नेपाल में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.9 मापी गई थी जिसका प्रभाव तिब्बत के कुछ हिस्सों पर भी पड़ा। नेपाल की दो सीमावर्ती चौकी गंभीर रूप से प्रभावित हुई। करीब 24,800 लोग शिगेज सिटी में चले गए हैं।

नेपाल के लिए सीमावर्ती चौकी शिगेज और द झाम पास को जोड़ने वाला राजमार्ग भूस्खलन के कारण कट गया है। सरकारी शिन्हुआ एजेंसी की खबर के अनुसार, एक नेपाली नागरिक सहित चार लोग न्यालम काउंटी में लापता हैं। काउंटी में 12 विदेशियों सहित करीब 80 पर्यटक घूमने आए थे तभी भूकंप आया था।

नेपाल में भूकंप के कारण मरने की संख्या बढ़कर अब तक 2,400 हो गई है। मरने वालों में पांच भारतीय भी शामिल हैं जबकि 6,000 लोग घायल हुए हैं। हिमालयी देश में 80 सालों में हुई अब तक की यह सबसे भीषण त्रासदी है। अंतरराष्ट्रीय मानवीय प्रयासों में शामिल होते हुए चीन ने भी रविवार को पड़ोसी देश की सहायता के लिए 60 सदस्यीय खोज और बचाव दल भेजा है।

कनाडाई पर्यटक कुईलार्ड ने शिन्हुआ को बताया कि उन्होंने शिगेज की सड़क पर कई एंबुलेंस और दमकल वाहन देखे। कुईलार्ड को अब तक उम्मीद है कि वह एवरेस्ट पर्वत के आधार शिविर की ओर जा पाएंगे। शिगेज में भूकंप के कारण 1,206 घर गिर गए और 9,974 घर तबाह हो गए तथा सड़कें एवं संचार के साधन भी क्षतिग्रस्त हो गए। वहीं 54 मंदिरों को भी नुकसान पहुंचा है।

चीनी भूकंप विग्यान नेटवर्क केंद्र के रिकॉर्ड के अनुसार, शिगेज में स्थानीय समयानुसार शनिवार को शाम पांच बजकर 17 मिनट पर 5.9 तीव्रता का भूकंप के बाद का झटका महसूस किया गया था और स्थानीय समयानुसर रविवार देर रात एक बजकर 42 मिनट पर न्यालम काउंटी में 5.3 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों के लिए लगातार बारिश और हिमपात का पूर्वानुमान जताया है।

तिब्बत की तरफ से कोमोलांगम पर्वत पर 20 से ज्यादा देशों के 400 से अधिक पर्वतारोही या तो नीचे की तरफ उतर रहे हैं या वह 5,200 मीटर (16,900 फुट) पर मौजूद उत्तरी आधार शिविर की ओर लौट रहे हैं। इनमें से किसी के जख्मी होने की सूचना नहीं है।

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