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नेपाल में प्रचंड दाेबारा प्रधानमंत्री बने

नेपाल में माओवादी नेता पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड दोबारा प्रधानमंत्री पद पर चुन लिए गए हैं। प्रचंड के अलावा किसी ने भी पद के चुनाव के लिए पर्चा नहीं भरा था। ऐसे में उनका प्रधानमंत्री चुना जाना लगभग तय था। सीपीएन-माओवादी सेंटर के अध्यक्ष ने अपनी उम्मीदवारी के पेपर संसदीय सचिवालय में दाखिल किए थे। उनका समर्थन नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा और माओवादी नेता कृष्ण बहादुर महारा नेे किया।
नेपाल में प्रचंड दाेबारा प्रधानमंत्री बने

उनको आंदोलनरत मधेसियों का भी समर्थन मिला, जिनके साथ उन्होंने तीन सूत्री समझौते पर हस्ताक्षर किया। प्रचंड के प्रधानमंत्री बनने के बाद देश में राजनीतिक स्थिरता आने की उम्मीद जताई जा रही है। नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा ने सीपीएन-माओवादी सेंटर के प्रमुख प्रचंड की उम्मीदवारी का प्रस्ताव दिया और माओवादी नेता कृष्ण बहादुर महारा ने इसका समर्थन किया। 

प्रचंड के नेतृत्व में बनने वाली सरकार के लिए मधेसी पार्टियों का समर्थन हासिल करने के मकसद से नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-माओवादी सेंटर ने मधेसी फ्रंट के साथ तीन सूत्री समझैते पर हस्ताक्षर किया।

माओवादी प्रमुख के नामांकन दाखिल करने से पहले प्रचंड और नेशनल कांग्रेस प्रमुख देउबा ने मधेसियों के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते में मधेसियों को विश्वास दिलाया गया है कि राजनीतिक सहमति और संविधान में संशोधन के जरिए उनकी मांगों को पूरा किया जाएगा।

केपी ओली ने बीते 24 जुलाई को प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद नेपाल में नया राजनीतिक संकट पैदा हो गया। ओली के इस्तीफे के बाद से प्रधानमंत्री का पद खाली पड़ा था। मीडिया में खबर आई थी कि सीपीएन-यूएमएल पूर्व उप प्रधनमंत्री बामदेव गौतम को प्रचंड के खिलाफ उम्मीदवार बना सकता है, लेकिन पार्टी ने आखिरी समय में चुनाव में नहीं उतरने का फैसला किया। इससे प्रचंड के नेपाल का 39वां प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ हुआ। प्रचंड इससे पहले 2008 से 2009 तक प्रधानमंत्री रहे थे।

 

 

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