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भारत-अमेरिका संबंध हल्के में नहीं ले सकते : बेरा

भारतीय मूल के शीर्ष अमेरिकी सांसद एमी बेरा ने भारत और अमेरिका के संबंध के भविष्य के प्रति उम्मीद जताई है लेकिन साथ ही यह चेतावनी भी दी है कि इस संबंध को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए क्योंकि इस रास्ते में घृणा अपराध की घटनाओं जैसे कई गड्ढे आएंगे।
भारत-अमेरिका संबंध हल्के में नहीं ले सकते : बेरा

तीन बार सांसद रह चुके डेमोक्रेटिक सांसद एमी बेरा ने कहा कि  मैं भारत और अमेरिका के संबंध को लेकर बहुत आशावादी हूं लेकिन हमें बहुत विचार करना होगा। हम इस संबंध को हल्के में नहीं ले सकते। घृणा अपराधों और आव्रजन को बाधाओं की संज्ञा देते हुए उन्हों ने कहा कि इस मार्ग में कई गड्ढे आएंगे।

उन्होंने कहा कि  हमें बड़ी तस्वीर देखनी चाहिए। इसपर से नजर मत हटाइए। बेरा ने कहा कि भारतीय-अमेरिकी इसमें अहम भूमिका निभाएंगे। बेरा यूएस इंडिया फ्रेंडशिप काउंसिल और यूएस इंडिया बिजनेस काउंसिल द्वारा केपिटोल विजिटर सेंटर में आयोजित गोलमेज वार्ता में अपनी बात रख रहे थे।

उन्होंने कहा कि हमारे नजरिए से, संबंध किसी एक या दूसरे प्रशासन पर आधारित नहीं हो सकता। यह 21वीं सदी के लिए एक अहम संबंध हो सकता है। उन्होंने कहा कि हम कांग्रेस के सदस्यों और भारतीय सांसदों के बीच संबंध बनाना जारी रखेंगे क्योंकि ये दीर्घकालिक संबंध हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय-अमेरिकी संबंध का सफर शानदार रहा है।

बेरा ने कहा कि भारत हिंद महासागर क्षेत्र को स्थिर बनाने में अहम भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि जब हम पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच की साझेदारी को देखते हैं तो आप वहां तालमेल और आपसी सम्मान देख सकते हैं।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड टंप और मोदी के बीच बातचीत से जो खबरें आ रही हैं, वे सकारात्मक संकेत हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जल्दी ही दोबारा अमेरिका जाएंगे जो एक बेहद सकारात्मक संकेत है। दक्षिण एशियाई समुदाय, खासकर भारतीय-अमेरिकियों को प्रभावित कर रहे घृणा अपराधों का हवाला देते हुए बेरा ने कहा कि  हम एक देश के तौर पर यह नहीं हैं। मुझे इस बात की चिंता है कि यह विश्वभर में हमारी प्रतिष्ठा पर किस तरह असर डाल रहा है।

कैलिफोर्निया से भारतीय-अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने देश के भविष्य के बारे में उम्मीद जाहिर की। हालांकि यहां कई दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुई हैं। उन्होंने कहा कि हम विश्व का सबसे अधिक सहिष्णु और खुला लोकतंत्र रहे हैं। इंडियाना के सीनेटर जो डोनेले ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच एक बेहद विशेष संबंध है। (एजेंसी)

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