Advertisement

चीन अपने फायदे के लिए मनमर्जी से नहीं चुन सकता सिद्धांत: कार्टर

अमेरिका के रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर ने विवादित दक्षिण चीन सागर में बीजिंग द्वारा दबंगई दिखाए जाने की पृष्ठभूमि में कहा है कि ऐसा नहीं चल सकता कि चीन अपने फायदे के लिए कुछ सिद्धांतों को चुने और कुछ सिद्धांतों को छोड़ दे। कार्टर ने कहा कि अमेरिका को चीन की समुद्री गतिविधियों समेत हालिया गतिविधियों को लेकर गंभीर चिंताएं हैं। सिद्धांत हर देश पर समान रूप से लागू करने के लिए होते हैं।
चीन अपने फायदे के लिए मनमर्जी से नहीं चुन सकता सिद्धांत: कार्टर

कल सान डिएगो में यूएसएस कार्ल विन्सन में सवार कार्टर ने कहा, समुद्र,  साइबर स्पेस और अन्य स्थानों पर चीन की हालिया गतिविधियों को लेकर अमेरिका की गंभीर चिंताएं हैं। कई बार ऐसा लगता है कि बीजिंग उन सिद्धांतों को चुन लेना चाहता है, जिनसे वह फायदा लेना चाहता है और कुछ सिद्धांतों को वह कमजोर करने की कोशिश करता है। उन्होंने कहा उदाहरण के लिए, नौवहन की स्वतंत्रता के जिस सार्वभौमिक अधिकार से चीन के पोत और विमान सुरक्षित और शांतिपूर्ण तरीके से यात्रा कर पाते हैं, उसी अधिकार का इस्तेमाल जब क्षेत्र में अन्य देश करते हैं तो बीजिंग उनकी आलोचना करता है।

उन्होंने कहा, लेकिन सिद्धांत ऐसे नहीं होते। वे हर किसी पर और हर देश पर समान रूप से लागू करने के लिए होते हैं। दक्षिण चीन सागर में क्षेत्र के स्वामित्व के मुद्दे पर चीन का फिलीपीन, वियतनाम, ताइवान, मलेशिया और ब्रुनेई से भारी विवाद है। दक्षिण चीन सागर एक व्यस्त जलमार्ग है और भारत का 50 प्रतिशत व्यापार इसी मार्ग से होता है। अमेरिका ने कहा है कि वह रणनीतिक जलक्षेत्र में नौवहन की स्वतंत्रता के सिद्धांत के लिए प्रतिबद्ध है। कार्टर ने कहा कि अमेरिका के समावेशी रूख के तहत, रक्षा मंत्रालय अमेरिकी और चीनी सेना के बीच सैन्य संबंधों को आधुनिक बनाने की दिशा में कदम उठा रहा है।

भाषा

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad