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सामाजिक परिवर्तन में हमारी जिम्मेदारियों के मद्देनजर राष्ट्रीय संगोष्ठी नौ दिसंब

नई दिल्ली स्थित इंडिया हैबिटैट सेंटर के गुलमोहर हॉल में सद्भावना सेवा संस्थान एवं इंटरफेथ फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में एकदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन 9 दिसंबर, गुरुवार को किया जा रहा है। विषय है- ‘सामाजिक-धार्मिक परिदृश्य - सामाजिक परिवर्तन और जिम्मेदारियां।’
सामाजिक परिवर्तन में हमारी जिम्मेदारियों के मद्देनजर राष्ट्रीय संगोष्ठी नौ दिसंब

सद्भावना सेवा संस्‍थान के सदस्य सचिव प्रो. डॉ. सुरेन्द्र पाठक ने आउटलुक को बताया कि तीन सत्रों वाली संगोष्ठी के पहले सत्र प्रातः १० से ११-३०  बजे, को पूर्व केंद्रीयमंत्री आरिफ मोहम्मद खान, प्रो. ताहिर महमूद, स्वामी सच्चिदानंद भारती, एसएन साहू, पद्मश्री प्रो. जेएस राजपूत, प्रो. दीपाली भनोट संबोधित करेंगे। अध्यक्षता फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. एमएम वर्मा और धन्यवाद ज्ञापन प्रो. रजीअहमद कमाल करेंगे। दोपहर भोज के पहले के सत्र (११-४५ से १-००) में प्रो. आरपी सिंह (जेएनयू) की अध्यक्षता में दलाई लामा से जुड़े विक्रम दत्‍त, यूएन हेबिटाट के डॉ. मार्कंडेय राय, जामिया की प्रो. फरीदा खानम, प्रो. अर्चना गौर, दीपन मर्चेंट, शोधकर्ता गुलामरसूल देहलवी, बहाई विचारक डॉ. एके मर्चेंट अपने विचार रखेंगे। भोज के बाद अंतिम सत्र २ से ३-३० बजे,  के वक्ताओं में शिक्षा क्षेत्र से सीसीएस यूयनिवर्सिटी के पूव कुलपति प्रो. रवीन्द्र कुमार, प्रो. हेमा राघवन, प्रो. मधु खन्ना, प्रो. जगबीर सिंह और सर्वधर्म संवाद के मनु सिंह व बहाई की निलाक्षी राजखोवा सुने जा सकेंगे। अध्यक्ष्ता अहलकॉन स्कूल के प्रिंसिपल अशोक पांडेय करेंगे। प्रो. पाठक के मुताबिक संस्थान के चेयरमैन अनिल सिंह और एमएम वर्मा का कहना है कि समाज में व्याप्त आर्थिक, राजनीतिक, न्यायिक , ग्रामीण, शहरी, महानगरीय, नगरीय आदि क्षेत्रों में अनेक विसंगतियों से उबरने के लिए धर्म हमें रास्ता तो दिखाते हैं लेकिन उसे आम आदमी समझ नहीं पा रहा है। वह सिर्फ अपने को श्रेष्ठ समझने की नादानी करता रहता है। संगोष्ठी में इन्हीं बिंदुओं के मद्देनजर हम अपनी जिम्मेदारियों और सामाजिक परिवर्तन की कोशिश को समझने का प्रयास करेंगे।

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