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हौसलों से मिली नई पहचान

योजनाओं को क्रियान्वित करने में महिला सरपंचों ने निभाई भूमिका
कोदर‌िया की सरपंच अनुराधा जोशी को उत्कृष्ट काम करने के ल‌िए हुई सम्मान‌ित

मध्य प्रदेश में गांव-चौपाल की सरकारों को गढऩे में कई महिला सरपंचों ने नायाब शिल्पी की भूमिका अदा की है। भोपाल-विदिशा रोड पर मुख्‍य सडक़ से हटकर बनी बरखेड़ी अब्‍दुल्ला ग्राम पंचायत में अमेरिका से पढक़र आईं भक्ति शर्मा विकास की रोशनी फैला रही हैं तो इंदौर में श्रीमती अनुराधा जोशी ने कोदरिया पंचायत को नकदी रहित लेन-देन की सुविधा वाली पहली पंचायत बना दी है। कहानी सिर्फ इंदौर-भोपाल तक सीमित नहीं है। गुना में जनपद अध्यक्ष शोभा रघुवंशी, शाजापुर में सीमा मुकाती जैसी कई महिलाएं सरपंच हैं, जिन्होंने ग्राम राज्य की कल्पना को जमीन पर उतारने के लिए कई काम किए हैं।

अमेर‌िका छोड़ भारत आई भक्त‌ि

राजनीति विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएट भक्ति शर्मा सरपंच का चुनाव लडऩे के लिए अमेरिका छोडक़र तीन साल पहले भोपाल आईं। भक्ति अपनी पंचायत के गांव में 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ मुहिम को सार्थक करने के लिए बेटी पैदा होने पर उसकी मां को अपना मानदेय दान कर देती हैं। वे उस महिला से अपनी बेटी के नाम पर पेड़ भी लगवाती हैं। अब तक इस तरह के 100 से ज्यादा पेड़ बेटियों के नाम पर लग चुके हैं। उन्होंने गांव में सभी ग्रामवासियों के बैंक खाते खुलवा दिए हैं, तो स्कूल में 100 फीसदी बच्चों का नामांकन हो चुका है। पांचों गांव में मॉर्डन आंगनबाड़ी हैं। भक्ति बताती हैं कि आंगनबाड़ी और स्कूलों के मध्यान्ह भोज को वो खुद हक्रते में एक दिन ग्रहण करती हैं। यह औचक होता है। इससे खान-पान की गुणवत्ता और पौष्टिकता बनी हुई है। भक्ति ने भोपाल साइट सेवा और प्रेरणा सेवा ट्रस्ट की मदद लेकर गांव में निरंतर स्वास्थ्य एवं नेत्र शिविर का आयोजन कराती हैं। बेहद कम दाम पर गांव वालों को आंख के चश्मे मिलते हैं। चिकित्सा शिविर में मुफ्त दवा से लेकर सर्जरी तक की व्यवस्था कराई जाती है। भक्ति बच्चों को स्वच्छता और अच्छी सेहत के टिप्स के साथ ही वृक्षारोपण और बैंकिंग सेवाओं की जानकारी देती हैं। गांव में युवाओं को भी प्रेरित करके शराब और अन्य मादक पदार्थों के प्रति जागरूक किया गया है। इस पंचायत के 90 फीसदी से ज्यादा युवा शराब और मादक पदार्थों से दूर हैं। इस पंचायत में महिलाओं के साथ छेड़छाड़ या उत्पीडऩ जैसी एक भी घटना बीते तीन सालों में नहीं हुई है। पंचपरमेश्वर योजना के तहत कंक्रीट की तीन सडक़ें बन चुकी हैं अब चौथी सडक़ स्कूल वाली बन रही है। भक्ति की कोशिश प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना के तहत सडक़ों को  दुरुस्त कराने और मुख्‍यमंत्री ग्राम सडक़ योजना को मंजूर कराने की है। भक्ति के काम को देखते हुए उन्हें भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के 2015 के आंकलन में देश में उपलब्धि प्राप्त करने वाली 100 महिलाओं में चुना गया है।

इंदौर से 30 किलोमीटर दूर महू विकासखंड की पंचायत कोदरिया के सूरते-हाल बदलने में सरपंच श्रीमती अनुराधा जोशी ने जोरदार काम किया है। कैशलेस ट्रांजेक्‍शन वाली प्रदेश की इस पहली ग्राम पंचायत में ज्यादातर काम कंप्यूटर के जरिए ऑनलाइन किया जा रहा है। पंचायत को आईएसओ का दर्जा भी मिल चुका है। यह पंचायत आर्थिक रूप से सशक्‍त है क्‍योंकि टैक्‍स की वसूली पुख्‍ता तरीके से हो रही है। पंचायत दक्रतर सुबह 10:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक खुलता है। पंचायत ने अपने खर्चे पर साफ-सफाई कर्मी भी रखे है जो गांव-मोहल्लों की सफाई करते हैं और घर-घर से कचरा एकत्रित किया जा रहा है। इससे ग्राम पंचायत के सभी 3300 परिवारों को दो-दो डस्टबिन दिए गए हैं। अनुराधा जोशी को स्वच्छता की मुहिम के बारे में अलख जगाने के लिए तमिलनाडु और चित्रकूट भी भेजा जा चुका है। श्रीमती जोशी कहती हैं कि उनकी पंचायत आर्थिक रूप से स्वावलंबी बन चुकी है। इस पंचायत में जल, संपत्ति और अन्य करों से 22 लाख तक की आय हो रही है। यह इनकम 60 फीसदी वसूली के चलते हुई है। इसे 100 फीसदी करने के प्रयास किए जा रहे हैं। कोदरिया पंचायत में भागीदारी से सडक़-नाली से लेकर ड्रेनेज सिस्टम को विकसित कराया गया है। कोदरिया पंचायत के गांव में शराब बंदी हो चुकी है। गांव में स्ट्रीट लाइटें  हैं, तो पंचायत ने नर्मदा जल भी घर-घर तक पहुंचा दिया है।

शाजापुर जिले की खटसूर पंचायत की सरपंच सीमा मुकाती और गुना की जनपद अध्यक्ष शोभा रघुवंशी ने अपने जनपद क्षेत्र के पंचायतों में स्वच्छता अभियान के तहत मुहिम छेड़ रखी है। हालांकि शोभा को इस बात का मलाल है कि ग्रामीण एवं पंचायत विभाग के अफसर लगातार बजट में कटौती कर रहे हैं।     

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