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केरल में वकीलों की गुंडागर्दी, मीडियाकर्मियों पर टूटा कहर

अभी ज्यादा दिन नहीं हुए हैं जब‌ दिल्ली में कन्हैया कुमार के मामले में वकीलों ने अदालत परिसरों में हंगामा मचाया था और मीडिया कर्मी उनके निशाने पर आए थे। अब ऐसा ही कांड केरल से सामने आया है। केरल के विभिन्न शहरों में वकीलों ने अदालत परिसरों में मीडिया कर्मियों पर हमला बोल दिया और उनकी गाड़ियों को निशाना बनाया है।
केरल में वकीलों की गुंडागर्दी, मीडियाकर्मियों पर टूटा कहर

घटना की शुरुआत कोच्चि में केरल हाईकोर्ट परिसर से हुई और अगले दिन राजधानी तिरुअनंतपुरम और त्रिशूर की जिला अदालतों में मीडिया को निशाना बनाया गया।

दरअसल गुरुवार को कोच्चि में एक युवती ने पुलिस को शिकायत दी कि हाई कोर्ट के सरकारी अभिवक्ता धनेश मैथ्यू माञ्ञूरान ने सड़क पर उसे अपमानित किया। इसके बाद पुलिस ने धनेश मैथ्यू को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया। हाई कोर्ट ने पुलिस की जांच पर स्थगन आदेश देने से इनकार कर दिया। स्‍थानीय मीडिया में यह खबर जमकर चली। बाद में इस खबर के बारे में और जानकारी लेने पहुंचे मीडियाकर्मियों पर वकीलों का दल टूट पड़ा। कई चैनल और समाचार पत्रों के प्रतिनिधियों दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया। वकीलों ने हाई कोर्ट के मीडया रूम को ताला लगाकर बंद कर दिया। दो-ढाई घंटों तक हाईकोर्ट परिसर में यह माहौल रहा और बाद में पुलिस आयुक्त की सुरक्षा में  पत्रकार वहां से निकल पाए।

इसके अगले दिन तिरुवनंतपुरम में, वंचियूर जिला अदालत के परिसर में एक सी.बी.आई. केस के फैसले की रिपोर्टिंग के लिए आए पत्रकारों पर  अधिवक्ताऔं ने डंडों, पत्थरों और शराब की बोतलों से हमला किया, जिस में छह लोग घायल हो गए और कैमरा और चैनल-पत्रकारों के कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। मीडिया सेंटर को ताला-बंद कर उस पर ‘शौचालय’ का पोस्टर लगाया गया। मीडिया के वाहनों पर आपत्तिजनक वाक्य लिखे पोस्टर चिपका दिए गए।

पत्रकारों ने एक हमलावर को पकड़कर पुलिस को सौंपा था लेकिन वकीलों ने पुलिस स्टेशन से इसे छुड़ा दिया। त्रिशूर जिला अदालत परिसर में वकीलों ने अखबारों में आग लगा दी। हाईकोर्ट के प्रभारी मुख्य न्यायाधीश न्यामूर्ति तोट्टत्तिल राधाकृष्णन ने कहा कि कोच्चि की घटनाओं की न्यायिक जांच की जाएगी। कोच्चि से दो वरिष्ठ जज और एक वकील तिरुवनंतपुरम आए और इसकी खोज-खबर ली और कार्यों के सुचारू संचालन के लिए पत्रकारों और वकीलों की एक संयुक्त समिति गठित करना तय हुआ है। दूसरी तरफ, उधर कोच्चि में अधिवक्ता संगठन द्वारा मामला बिगाड़ने की कोशिश हो रही है। संगठन ने धनेश मैथ्यू के समर्थन में प्रस्ताव पारित किया था, उसके विरूद्ध रुख अपनाने वाले छह प्रमुख अधिवक्ताओं मठत्तिल शिवन, सैबेस्टियन पॉल, जयशंकर, कालीश्वरम राज, उदयभानु और संगीता लक्ष्मण को कारण बताओ नोटिस दिया गया है। दिल्ली में एशिया नेट चैनल के प्रमुख प्रशान्त रघुवंशम के नेतृत्व में पत्रकार संगठन ने उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश टी.एस. ठाकुर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसफ से इस विषय पर दखल देने का अनुरोध किया। न्यायमूर्ति ठाकुर ने कहा कि केरल की यह स्थति संतोषजनक नहीं। उच्चतम न्यायालय इस विषय में दखल देगा और मीडिया को स्वतंत्रतापूर्वक काम करने की स्थिति सुनिश्चत की जएगी। उन्होंने न्यायमूर्ति जोसफ को इस मामले को देखने के लिए कहा है। 

राज्य के मुख्यमंत्री ‌पिनरायी विजयन ने इस मामले में दखल देते हुए आज मीडिया प्रतिनिधियों और वकीलों की बैठक बुलाई है जिसमें मामले को शांत करने का प्रयास किया जाएगा। न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर ने यह भरोसा भी दिलाया है कि हाईकोर्ट में ताला बंद मीडिया रूम को जल्द खुलवा दिया जाएगा। इस बारे में उन्होंने केरल हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश से बात करने का भरोसा दिलाया है।

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