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अब ओ‌लंपि‌क में नहीं बरसेंगे विजेंदर के मुक्के

देश के सबसे लोकप्रिय मुक्केबाज और ओलंपिक कांस्य पदक विजेता विजेंदर सिंह ने एमेच्योर (शौकिया) मुक्केबाजी को छोड़कर अब पेशेवर मुक्केबाजी को अपना लिया है। इसका अर्थ यह है कि अब विजेंदर किसी भी राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व नहीं कर पाएंगे और अगले वर्ष ओलंपिक में भी भाग नहीं ले पाएंगे। ओलंपिक पदक जीतने वाले पहले भारतीय मुक्केबाज बनने के बाद विजेंदर भारतीय मुक्केबाजी का चर्चित चेहरा बन गए थे।
अब ओ‌लंपि‌क में नहीं बरसेंगे विजेंदर के मुक्के

सोमवार को इस 29 वर्षीय मुक्केबाज ने लंदन में आईओएस स्पोर्ट्स एंड एंटरटेनमेंट के जरिये क्वीन्सबेरी प्रमोशन के साथ कई साल का समझौता किया जिससे तहत उन्हें एक साल में कम से कम छह बार मिडिलवेट के मुकाबले लड़ने होंगे। विजेंदर ने लंदन में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, मैं पेशेवर बनकर उत्साहित हूं और अपनी जिंदगी के नए अध्याय पर नजरें गड़ाए हुए हूं। मैं कड़ा अभ्यास करना चाहता हूं और वैश्विक स्तर पर अपने देश के लिए प्रदर्शन करना चाहता हूं। क्वीन्सबेरी प्रमोशन और प्रसारक बाक्सनेशन के साथ मिलकर आईओएस मेरे पेशेवर मुक्केबाजी कॅरिअर की देखरेख करेगा। मेरा तात्कालिक लक्ष्य कड़ा अभ्यास करना और अगले साल तक अपना अच्छा मुक्केबाजी रिकार्ड बनाना है। मुक्केबाजी कोच गुरबख्श सिंह संधू ने कहा कि भारतीय टीम के लिए यह अच्छी खबर नहीं है। हालांकि संधू ने कहा कि विजेंदर भी एक इंसान है और अपने कॅरिअर के बारे में फैसला करने की स्वतंत्रता रखता है। उसने कुछ सोचा होगा।

अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (एआईबीए) के नियमों के अनुसार वे पेशेवर लीग जिन्हें एआईबीए प्रमोट नहीं करता उनसे जुड़ने वाला खिलाड़ी एमेच्योर प्रतियोगिताओं में भाग लेने के अयोग्य होगा। ब्रिटेन में मुक्केबाजी के प्रमुख प्रमोटर क्वीन्सबेरी प्रमोशन के प्रमुख फ्रांसिस वारेन ने कहा कि विजेंदर पेशेवर सर्किट में इतिहास रच सकता है। उन्होंने कहा, मैं इस तरह से प्रतिभाशाली और प्रतिबद्ध इंसान को ब्रिटेन लाकर बहुत उत्साहित हूं तथा यह देखने के लिए उत्सुक हूं कि एमेच्योर के तौर पर इतना कुछ हासिल करने के बाद विजेंदर पेशेवर मुक्केबाज के रूप में क्या करने में सक्षम हैं। वारेन ने कहा, मैनचेस्टर में पिछला सप्ताह उनके साथ बिताने के बाद मेरे दिमाग में कोई शंका नहीं रह गयी है। वह बेहद सफल पेशेवर मुक्केबाज बनेंगे।

इस करार के बारे में आईओएस के प्रबंध निदेशक और सीईओ नीरव तोमर ने कहा, यह भारतीय मुक्केबाजी में ऐतिहासिक क्षण है कि विजेंदर पेशवर बन गया है। वह शानदार फाइटर है और कड़ी मेहनत करने और अच्छा प्रदर्शन करने के लिये प्रतिबद्ध है। भारत के सबसे सफल एमेच्योर मुक्केबाज रहे विजेंदर ने 2008 में बीजिंग ओलंपिक खेलों में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचा था। विजेंदर विश्व चैंपियनशिप में पदक जीतने वाले भी पहले भारतीय हैं। उन्होंने 2009 में कांस्य पदक जीता था। हरियाणा का यह मुक्केबाज अब इंग्लैंड के मैनचेस्टर में रहेगा जहां उन्हें मशहूर ट्रेनर ली बीयर्ड प्रशिक्षण देंगे। बीयर्ड इससे पहले ब्रिटिश मुक्केबाज रिकी हैटन के साथ काम कर चुके हैं। बीयर्ड अभी डब्ल्यूबीओ इंटरनेशनल और यूरोपियन लाइट वेल्टरवेट चैंपियन जैक कैटराल, पूर्व राष्ट्रमंडल लाइटवेट चैंपियन जेमी काक्स और उदीयमान मुक्केबाज एडियन गोंजालेज, जो कोस्टेलो ओर रजा हमजा के प्रशिक्षक भी हैं।

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