चकाचौंध से दूर सादगी से जीवन बिताने की इच्छा रखने वाले असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल का काफिला सडक़ से कब गुजर जाता है, किसी को पता नहीं चलता। उग्रवाद प्रभावित राज्य होने के बावजूद मुख्यमंत्री के लिए न तो सडक़ खाली कराई जाती है और न सायरन बजता है। वे यह कहते हुए प्रचार से बचते हैं कि उनका काम ही उनका प्रचार है। वे टीवी चैनलों को साक्षात्कार भी नहीं देते। आउटलुक हिंदी के लिए रविशंकर रवि से बड़ी मुश्किल से बातचीत के लिए तैयार हुए और यह पूरी बातचीत हिंदी में ही हुई। पेश हैं मुख्य अंश: