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जब उग्र हुए बादल

89 साल के सीएम परकाश सिंह बादल ने पहली बार उग्र बयान दिया है। कहा- "एह आम वाले लीडर वेख लो...कई अपणे स्पोटरां नूं कैहंदे अकालियां ते रोड़े मारो, पत्थर मारो, छित्तर मारो। जे असीं कुझ करिए तां गदर हो जाऊ...। बादल सुल्तानपुर लोधी में चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा-"केजरीवाल लोगों को गुमराह कर रहे हैं।
जब उग्र हुए बादल

उनकी हालत तो ऐसी है कि जैसे किसी की भैंस खो जाती है, वे उसे ढूंढ़ने के लिए सभी जगह जाकर आधे पैसे चढ़ावे के तौर पर देने की बात करता है। जब किसी ने उसे पूछा तो वे कहने लगा बाद में किसने देखा एक बार सींग पर हाथ तो पड़ लेने दो। केजरीवाल किसी भी हालत में पंजाब पर कब्जा करना चाहते हैं।

जैसे ट्रक के पीछे लिखा होता है-चल बलिए तेरा रब्ब राखा, इनके हाथ सत्ता आई तो यही हाल होगा। बादल ने आगे कहा कि दिल्ली एक ऐसा राज्य है, जहां पर पूरे देश के लोग बसे हुए हैं। दिल्ली सरकार में जीते भी सभी जाति के विधायक हैं। केजरीवाल यहां पंजाब में सिखों के हितैषी होने की बात कह रहे हैं, पर दिल्ली में किसी सिख को मंत्री नहीं बनाया है। बेटे डिप्टी सीएम के काफिले पर पथराव, फिर खुद पर जूते फेंकने की घटना के बाद लगातार लंबी में विरोध सीएम परकाश सिंह बादल के ऐसे बयान की मुख्य वजह मानी जा रही है। हर मामले में अकाली नेता आप के नेताओं पर ही आरोप लगाते रहे हैं कि उनके उकसावे पर ही ये घटनाएं हुईं।

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