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भाजपा कोबरा, अपना फन निकाल रही है, मुझे कुचलना आता है : उद्धव

महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव का प्रचार अब समाप्त होने को है। शिव सेना ने एेसे में भाजपा पर हमले तेज करते हुए अपने पूर्व सहयोगी को कोबरा बताया है।
भाजपा कोबरा, अपना फन निकाल रही है, मुझे कुचलना आता है : उद्धव

 शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भाजपा के बारे में कहा, हमारा गठबंधन पिछले 25 साल से कोबरा के साथ था, जो कि अब अपना फन निकाल रहा है। मैं जानता हूं, इसे कैसे कुचला जाता है। शिव सेना प्रमुख राज्य में 21 फरवरी को होने वाले निकाय चुनाव के लिए कल शाम एक रैली को संबोधित करते हुए ये बातें कह रहे थे।

उन्होंने कहा कि शिव सेना पुरानी गलती नहीं दोहराना चाहती थी। उन्होंने प्रधानमंत्राी नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्राी देवेंद्र फडणवीस पर हमला करते हुए आरोप लगाया कि इन्होंने झूठे वादे और आश्वासन देकर जनता के साथ धोखेबाजी की है। चुनाव प्रचार के शुरुआती दौर में उद्धव ने फडणवीस सरकार को नोटिस पीरियड पर रखा था और भाजपा के साथ चुनाव के बाद किसी भी तरह के गठबंधन से इंकार कर दिया था। हालांकि प्रचार की समाप्ति का समय आते आते राज्य में सरकार को अपनी पार्टी के समर्थन के मुद्दे पर उन्होेंने थोड़ी नरमी बरतते हुए कहा कि पार्टी का समर्थन इस बात पर निर्भर करेगा कि वह राज्य में परेशान किसानों के कर्ज माफी की मांग को पूरा करती है या नहीं।

गौरतलब है कि 2014 के लोकसभा चुनाव तक दोनों पार्टियों के संबंध मधुर थे और दोनों ने मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ा था मगर उसी साल हुए विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियों का गठबंधन टूट गया था क्योंकि शिव सेना भाजपा के कोटे की सीटों की संख्या बढ़ाने के लिए तैयार नहीं हुई। नतीजतन दोनों दलों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा और मोदी लहर पर सवार होकर भाजपा राज्य विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी बन गई। हालांकि बहुमत के लिए जरूरी 144 सीटों के आंकड़े से पार्टी 22 सीटें पीछे रह गई जिसके कारण उसे सरकार बनाने के लिए राकांपा या ‌शिवसेना में से किसी एक के समर्थन की जरूरत थी। तब राकांपा ने भाजपा को बिना शर्त समर्थन की पेशकश की मगर भाजपा ने अपने आजमाए हुए सहयोगी शिवसेना को अपने साथ लेने का फैसला लिया। तब से दोनों पार्टियां राज्य में मिलकर सरकार चला रही हैं मगर बीएमसी चुनाव में एक बार फिर शिवसेना इस बात पर अड़ गई कि वो भाजपा को ज्यादा सीटें लड़ने के लिए नहीं देगी। ऐसे में दोनों दल अलग-अलग ताल ठोक रहे हैं और देखना होगा कि 21 फरवरी को मुंबई के मतदाता शिवसेना, भाजपा, कांग्रेस, राकांपा में से किसे जीत का प्रसाद देते हैं।

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