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उत्तर प्रदेश में अकेले लड़ेगी अठावले की पार्टी

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की स्थिति नहीं बनते देख रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (ए) ने आज 58 प्रत्याशियों की सूची जारी करते हुए कहा कि वह अकेले मैदान में उतरेगी।
उत्तर प्रदेश में अकेले लड़ेगी अठावले की पार्टी

आरपीआई-ए के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि हमने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अकेले दम पर प्रत्याशी उतारने का फैसला किया है और हमारा मकसद दलित वोट हासिल करना है। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि वह भाजपा का नुकसान नहीं करना चाहते। अठावले ने लखनऊ में कहा कि हम भाजपा का फायदा करना चाहते हैं। बसपा दलित वोटों पर अपना अधिकार जमा रही है तो हमें भी अपना हक जमाने का अधिकार है।

प्रदेश की सपा सरकार पर हमला बोलते हुए राम दास अठावले ने कहा कि सपा बाप और बेटे के झगड़े में फंसकर रह गई है। उसने जनता से पिछले चुनाव में किए गए वादे पूरे नहीं किए। कांग्रेस के साथ गठबंधन का प्रयास सपा की विफलता का प्रमाण है।

मुंबई सहित महाराष्ट्र में गैर मराठियों विशेषकर उत्तर प्रदेश के लोगों का राज ठाकरे के नेतृत्व वाली मनसे द्वारा विरोध और उत्पीड़न की घटनाओं पर अठावले ने कहा कि मुंबई और महाराष्ट्र में मनसे प्रमुख राज ठाकरे की दादागिरी नहीं चलने दूंगा। वहां रह रहे प्रदेश के लोगों की रक्षा की जाएगी।

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में रहने वाले उत्तर भारतीयों की सुरक्षा का जिम्मा आरपीआई-ए ने पहले भी निभाया है और आगे भी निभाएगी। उन्होंने कहा कि मुंबई मराठी लोगों की तो है लेकिन वह देश की आर्थिक राजधानी भी है। मुंबई पर अकेले राज ठाकरे का अधिकार नहीं है। संविधान के अनुसार सबको वहां जाने और रहने का अधिकार है।

उन्होंने कहा कि अन्य दलों से बड़ी संख्या में नेता भाजपा में शामिल हुए हैं, इस कारण सीटों के बंटवारे में कुछ दिक्कतें आ रही थीं। इन्हीं तथ्यों को ध्यान में रखते हुए हमने अपने दम पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। हम उत्तर प्रदेश की जनता को आर्थिक और सामाजिक न्याय दिलाने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं।

अठावले की पार्टी केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार में शामिल है जबकि उत्तर प्रदेश में वह राजग से अलग, स्वतंत्रा रूप से चुनाव लड़ रही है। प्रदेश में राजग का एक अन्य प्रमुख घटक केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के नेतृत्व वाला अपना दल है। उनसे जब सवाल किया गया कि क्या वह बसपा का वोट काटेंगे, तो उनका जवाब था, हम उत्तर प्रदेश में खाता खोलना चाहते हैं। हम बसपा का वोट काटेंगे नहीं बल्कि अपने हिस्से का वोट लेंगे। (एजेंसी)

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