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बाबा साहब ने जहर खुद पिया, हमारे लिए अमृत छोड़ गए: पीएम मोदी

लोकसभा में संविधान पर हो रही चर्चा में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए। संंविधान निर्माण में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के योगदान को याद करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बाबासाहेब का योगदान न होता तो संविधान शायद सामाजिक दस्‍तावेज न बनता। यह एक कानूनी दस्तावेज ही रह जाता।
बाबा साहब ने जहर खुद पिया, हमारे लिए अमृत छोड़ गए: पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि दलित मां के बेटे बाबा साहब अंबेडकर ने जीवन के हर कदम पर अपमान और उपेक्षा को सहन किया। लेकिन इतना सब झेलने के बाद भी उन्‍होंने संविधान की रचना की और संविधान में कहीं बदले की भावना दिखाई नहीं दी। अंबेडकर ने अपमान का सारा जहर खुद पी लिया और हमारे लिए संविधान के रूप में अमृत छोड़कर गए। 

संविधान चर्चा के महत्‍व पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि संविधान पर चर्चा को लोकसभा से जनसभा तक ले जाने का प्रयास करना होगा। लोगों को संविधान की भावना और इसकी ताकत से अवगत करना होगा। भारत का संविधान देश की आकांक्षाओं से बना है। देश में संविधान पर लगातार चर्चा चलनी चाहिए। हर पीढ़ी के लोगों को संविधान को समझना चाहिए। भारत के संविधान के संबंध में ऑनलाइन चर्चा होनी चाहिए, स्कूलों में चर्चा होनी चाहिए। 

पीएम मोदी ने कहा कि संविधान को बनाने में बाबा साहब अंबेडकर की भूमिका को कभी नकारा नहीं जा सकता है। जिस देश में विश्व के सभी जीवित 12 धर्म हों, 122 भाषाएं हो, 1600 से ज्यादा बोलियां हों, वहां संविधान बनाना बहुत बड़ा काम है। बाबा साहब अंबेडकर ने 100 साल आगे तक की बात सोची। जबकि आज हम एक कानून भी एकदम ठीक से नहीं बना पा रहे, कई बदलाव करने पड़ते हैं। 

सरकार का एक ही धर्म, इंडिया फर्स्‍ट 

संविधान पर चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार का एकमात्र धर्म है इंडिया फर्स्‍ट और इसका एक ही धर्म ग्रंथ है संविधान। जनसामान्य की गरिमा और देश की एकता हमारे संविधान का मूल है। संविधान में सबको बांधने की ताकत है। आम सहमति के महत्‍व पर जोर देते हुए पीएम मोदी ने कहा है सहमति से ही लोकतंत्र को ताकत मिलती है। अपने भाषण में उन्‍होंने देश के निर्माण में पूर्व की सरकारों और पूर्व प्रधानमंत्रियों के योगदान को भी याद किया। 

 

 

 

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