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एफटीआईआई विवाद में संघ को लपेटा राहुल ने

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज यह कहते हुए मोदी सरकार पर तीखा हमला किया कि गजेंद्र चौहान की यहां प्रतिष्ठित भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) के अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति शैक्षणिक, नौकरशाही और न्यायिक प्रणाली को कमजोर करने की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की बड़ी योजना का हिस्सा है।
एफटीआईआई विवाद में संघ को लपेटा राहुल ने

चौहान को हटाने को लेकर प्रदर्शन कर रहे एफटीआईआई छात्रों को समर्थन देने के लिए संस्थान के दौरे पर आए राहुल गांधी ने कहा कि आरएसएस और उसके विचारक औसत दर्जे को बढावा देकर इस संस्थान का दर्जा गिरा रहे हैं तथा आलोचकों को राष्ट्रविरोधी एवं हिंदू विरोधी बताकर उन्हें धौंस दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा, आरएसएस और उसके विचारक तंत्र में सुनियोजित तरीके से औसत दर्जे के लोगों को बढ़ावा दे रहे हैं... वे शैक्षणिक संस्थानों के दर्जे को गिराने पर आमादा हैं... यह केवल शिक्षा प्रणाली की बात नहीं है बल्कि नौकरशाही एवं न्यायिक प्रणाली में भी ऐसा हो रहा है। उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा, आरएसएस अपने विचार का प्रचार-प्रसार चाहता है। वे आपको राष्ट्रविरोधी, हिंदू विरोधी कहेंगे। वे आपसे डरे हुए हैं। यह धौंस जमाने की प्रवृत्ति है। राहुल गांधी ने इस मुद्दे को संसद में उठाने का आश्वासन भी ‌दिया। एफटीआईआई में प्रवेश के मौके पर राहुल गांधी को भाजपा कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाए और नारेबाजी की। जवाब में राहुल के साथ पहुंचे कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारेबाजी की।

राहुल गांधी ने इस मंच का उपयोग कांग्रेस और भाजपा शासन के बीच तुलना करने के लिए किया और कहा कि कांग्रेस में जहां भी मुद्दा होता है, उसपर चर्चा होती है... कुछ सहमत होते हैं कुछ नहीं। लेकिन भाजपा में यदि प्रधानमंत्री ने कोई निर्णय ले लिया तब कोई कुछ नहीं कह सकता। इसी महीने विद्यार्थियों के एक संगठन ने विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को पत्र लिखकर उनसे हस्तक्षेप करने और सरकार से अनुपयुक्त लोगों की नियुक्ति खारिज करने तथा भावी नियुक्तियों के लिए पारदर्शी प्रक्रिया स्थापित करने की मांग की थी। एफटीआईआई विद्यार्थियों से हड़ताल की वजह जानने के लिए उनसे बातचीत करने के बाद राहुल गांधी ने संवाददाताओं से कहा, विद्यार्थी जो कर रहे हैं, वह सही है। सरकार को उनसे बातचीत करनी चाहिए, उनकी आवाज नहीं कुचलना चाहिए।

राहुल गांधी ने कहा, उनकी (छात्रों की) केवल एक ही मांग है कि वे चर्चा चाहते हैं और चाहते हैं कि उनकी आवाज सुनी जाए... विद्यार्थी केवल यह कह रहे हैं कि चर्चा होनी चाहिए और उनकी आवाज सुनी जानी चाहिए। उन्होंने कहा, वे (सरकार) चर्चा नहीं चाहते... कोई भी बात, जो उनकी विचारधारा के सटीक नहीं बैठती, राष्ट्रविरोधी है। इन विद्यार्थियों को लेकर क्या राष्ट्रविरोधी है जो अपनी फिल्में बनाना चाहते हैं..... उससे ज्यादा राष्ट्र के समर्थन में क्या हो सकता है? राहुल गांधी ने कहा कि इस छोटे से स्कूल ने सरकार के मन की शांति भंग कर रखी है और वह बस अपने विचार का प्रचार-प्रसार करना चाहती है और वह प्रदर्शनकारी छात्रों को राष्ट्रविरोधी बताएगी। उन्होंने कहा, क्यों करीब 250 विद्यार्थियों वाला यह छोटा संस्थान सरकार के मन की शांति भंग कर रहा है। यदि विद्यार्थी उन्हें (गजेंद्र चौहान को) नहीं चाहते हैं तो स्पष्टत: उन्हें वहां नहीं होना चाहिए। यह आप पर धौंसपट्टी दिखाने का प्रयास है। एफटीआईआई के छात्र टीवी अभिनेता चौहान को इस संस्थान का अध्यक्ष नियुक्त किए जाने के  खिलाफ 50 दिनों से हड़ताल पर हैं।

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