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छुट्टी के बाद राहुल ने दिखाया तेवर

लंबी छुट्टी के बाद वापस लौटे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित किसान रैली में सरकार पर जमकर निशाना साधा। राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने संबोधित किया।
छुट्टी के बाद राहुल ने दिखाया तेवर

 रामलीला मैदान में कांग्रेसियों के अनुमान से कम जुटी भीड़ में पार्टी का अंदरुनी सियासी रंग भी देखने को मिला। एक तरफ राहुल गांधी की आलोचना करने वाले पार्टी के कई नेता तालियां बजाते नजर आ रहे थे तो दूसरी ओर राज्यों से आए कांग्रेसी नेता के समर्थक अपने विरोधियों की हुटिंग भी कर रहे थे। कड़कड़ाती धूप में मैदान में पहुंचे कांग्रेस समर्थकों में राहुल गांधी ने जोश भरने का पूरा प्रयास किया। राहुल ने कहा कि नया भूमि विधेयक न सिर्फ किसानों बल्कि आदिवासियों के हितों के भी खिलाफ है। राहुल ने उपस्थित जनसमूह से कहा, मैं आपको बताता हूं कि मोदी जी ने कैसे चुनाव जीता। उन्होंने बड़े बड़े उद्योगपतियों से हजारों करोड़ का कर्ज लिया जिससे उनकी मार्केटिंग की गई। अब उस कर्ज को कैसे चुकायेंगे। आपकी जमीन उन बड़े उद्योगपतियों को देकर वह ऐसा करेंगे। वह किसानों को कमजोर करना चाहते हैं, फिर उनकी जमीन छीन कर अपने उद्योगपति दोस्तों को देंगे। राहुल ने कहा कि गुजरात माॅडल के जरिये मोदी जी ने दिखाया है कि वह बड़ी आसानी से किसानों की जमीन छीन सकते हैं और उद्योगपतियों को समझाया कि वह पूरे देश में ऐसा कर सकते हैं। यह मोदी का माॅडल है, नींव को कमजोर करो, फिर इमारत की पुताई करो और दुनिया को दिखाओ कि इमारत चमक रहा है। 

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार का रवैया पूरी तरह किसानों, मजदूरों और गरीबों के खिलाफ है। उन्होंने किसानों के हितों के लिए संघर्ष करने का भरोसा जताया। किसान रैली में सोनिया ने कहा, हम उन ताकतों को कभी कामयाब नहीं होने देंगे जो हमारे महान मानव मूल्यों को तहस नहस करना चाहते हैं। हम बिना किसी भय के ऐसी ताकतों के खिलाफ संर्घर्ष करेंगे। हम सत्ता से बाहर हो सकते हैं लेकिन हम इस दिशा में अपने प्रयासों में कमी नहीं आने देंगे। पूर्व प्रधानमंत्राी मनमोहन सिंह ने कहा कि किसानों के हितों को चोट पहुंचाने के लिए नयी सरकार भूमि विधेयक लायी है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी ने लोकसभा चुनाव जीतने के लिए किसानों और युवाओं को सपने बेचे थे।

इस रैली में कांग्रेस उपाध्यक्ष ने गरीब समर्थक राजनीति की पुरजोर वकालत की जबकि कांग्रेस नेताओं ने मोदी को किसान विरोधी और कारपोरेट समर्थक के रूप में पेश करने का प्रयास किया। राहुल ने भट्टा परसौल गांव में 2011 में भूमि अधिग्रहण के खिलाफ पदयात्रा की थी और इसके बाद भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास एवं पुनसर््थापन अधिनियम 2013 सामने आया। उन्होंने ओडिशा के नियामगिरी में आदिवासियों की जमीन के अधिग्रहण के खिलाफ भी आवाज उठायी थी। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार पिछले भूमि कानून के नियमों में इसलिए बदलाव करना चाहती है क्योंकि वह किसानों की जमीन छीनना चाहती है। राहुल ने कहा कि आज किसानों और मजदूरों को लगता है कि भारत की सरकार उन्हें भूल गयी है। उन्हें लगता है कि सरकार किसानों की नहीं सिर्फ उद्योगपतियों की है। वे इस तथ्य के चलते डरे हुए हैं कि भाजपा विधेयक में बदलाव करने का प्रयास कर रही है। राहुल गांधी ने कहा कि जो हिन्दुस्तान आज बना है वह किसानों की मेहनत और खून से बना है। किसान अपना खून पसीना देता है, किसान ने देश की नींव रखी है लेकिन मोदी जी को किसानों का खून पसीना दिखाई नहीं देता। उन्होंने कहा कि सरकार को गरीबों के लिए काम करना चाहिए।

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