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पंजाब चुनावः डेरों के फेर में नेता

पंजाब की राजनीति में डेरों की अहम भूमिका रही है। नेता अपने वोटबैंक के लिए डेरों की शरण में जाते रहे हैं। देश विदेश में इन डेरों से करोड़ों भक्त जुड़े हैं। इनमें से प्रमुख सच्चा सौदा यानि बाबा राम रहीम, राधा स्वामी, निरंकारी, सच्चखंड बल्लां आदि प्रमुख हैं।
पंजाब चुनावः डेरों के फेर में नेता

डेरा सच्चा सौदे के देश-विदेश में करीब 5 करोड़ से ज्यादा भक्त बताए जाते हैं। उनके दरबार में नेता, बॉलीवुड स्टार और क्रिकेट खिलाड़ियों से लेकर देश की तमाम हस्तियां आती हैं।पंजाब में साल की शुरुआत फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनाव के चलते कई उम्मीदवार इन दिनों से डेरे के चक्कर काट रहे हैं। यदि डेरा किसी पार्टी का समर्थन करने के लिए कह देता है तो उनके अनुयायी उसी को वोट देते हैं। पिछले कई सालों से पंजाब और हरियाणा की राजनीति में डेरा सच्चा सौदा का गहरा असर रहा है।

उनका दावा है कि पंजाब और हरियाणा में उनके 60 लाख से ज्यादा वोटर हैं। बता दें कि पंजाब की 117 विधानसभा सीटों में से 65 सीटें मालवा इलाके से आती हैं। यहां डेरा समर्थकों की हार और जीत में अहम भूमिका बताई जाती है। मालवा की कई सीटों पर बाबा का असर है। पंजाब में ही सबसे ज्यादा डेरे और देहधारी गुरु इस समय हैं और चुनाव के दौरान इनकी पूजा अर्चना तक शुरू हो जाती है। कारण, डेरा प्रमुखों को खुश कर लिया तो एकमुश्त वोट बैंक उनके खातों में आ जाएगा। उम्मीदवार प्रमुख डेरा प्रमुखों से मिलने के लिए समय मांग रहे हैं। डेरा सच्चा सौदा ने रामपुराफूल के निकट सलाबतपुरा में गुरुवार को अपनी मीटिंग बुला ली है। इसमें डेरे की महिलाओं, युवाओं और अन्य वर्गों की बनाई हुई कमेटियों की मीटिंग होंगी जिसमें सभी कमेटियां अपने अपने द्वारा किए गए सर्वे और अपने अनुयायियों से फीडबैक ली जाएगी। डेरे का राजनीतिक विंग इस मीटिंग की अध्यक्षता करेगा। विंग के चेयरमैन राम सिंह ने इसकी पुष्टि की है।  वहीं, पार्टी समर्थित डेरों को छोड़कर अन्य डेरों में भी उम्मीदवारों के फेरे तेज हो गए हैं। पंजाब में डेरों की कोई आधिकारिक गिनती नहीं है लेकिन एक अनुमान के मुताबिक छोटे और बड़े मिलाकर लगभग 9000 डेरे हैं। दूसरी ओर डेरा राधा स्वामी ब्यास का राजनीति में दखल नहीं है लेकिन उनके शिष्यों की तादाद भी लाखों में है। डेरा राधा स्वामी ब्यास- डेरा सच्चा सौदा से बड़ा डेरा माना जाता है लेकिन इनके प्रमुख कभी राजनीति में सार्वजनिक रूप से शामिल नहीं हुए। लेकिन इनका आशीर्वाद लेने के लिए भी नेता जरूर जाते हैं। इसी प्रकार निरंकारी समुदाय है जहां हर पार्टी के नेता सर झुकाने जाते हैं।

गुरु रविदास जी को मानने वाले समुदाय के लोगों पर इस डेरे का काफी प्रभाव है। दोआबा में ही दिव्य ज्योति संस्थान का भी अच्छा प्रभाव है। नकोदर में ही बाबा मुरादशाह, कपूरथला में डेरा बेगोवाल, मस्तराम जी जटाणा आदि डेरों का अच्छा प्रभाव है। बठिंडा में डेरा रूमी वालों का बहुत प्रभाव है। कैप्टन अमरिंदर सिंह इन्हें काफी मानते हैं।

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