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'500-1000 के नोटों में से कितने लौटे, जानकारी सरकार अभी तक क्यों नहीं दे पा रही'

भाजपा भले ही नोटबंदी को एक ‘पवित्र आंदोलन’ करार दे रही हो लेकिन कांग्रेस की नजर में यह देश की जनता और अर्थव्यवस्था को बेहद मुश्किल दौर में डालने वाला कदम है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को इस बारे में पत्र लिख कर न सिर्फ सरकार से कई सवाल पूछे हैं बल्कि रिजर्व बैंक के स्तर पर जानकारी छिपाने को लेकर भी अपनी नाराजगी जताई है।
'500-1000 के नोटों में से कितने लौटे, जानकारी सरकार अभी तक क्यों नहीं दे पा रही'

पटेल ने लिखा है कि देश के बैंकों में 500 व 1000 रुपये के प्रतिबंधित नोटों में से कितने लौटे हैं, इसकी जानकारी सरकार अभी तक क्यों नहीं दे पा रही है। इस बारे में भारतीय रिजर्व बैंक ने अंतिम जानकारी 12 दिसंबर, 2016 को दी थी। अब सरकार को पारदर्शिता और अपने उत्तरदायित्व के लिए 31 दिसंबर, 2016 तक बैंकों में जमा की गई राशि के बारे में पूरा ब्योरा देना चाहिए।

पटेल ने लिखा है कि वह इस बारे में वित्त मंत्री से आग्रह करते हैं कि जल्द से जल्द यह जानकारी सार्वजनिक करने का निर्देश दें। इसके बाद पटेल ने आरबीआइ की तरफ से 30 दिसंबर, 2016 के बाद आम जनता से प्रतिबंधित नोट स्वीकार नहीं करने के मुद्दे पर सवाल पूछे हैं।

पटेल ने लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संदेश में यह कहा था कि जो लोग 30 दिसंबर तक प्रतिबंधित नोट जमा नहीं करा सकेंगे वे उसके बाद भी रिजर्व बैंक में इन्हें जमा कर सकते हैं। लेकिन अब यह सूचना आ रही है कि रिजर्व बैंक आम जनता से पुराने प्रतिबंधित नोट स्वीकार करना बंद कर चुका है। यह आम जनता के भरोसे को बहुत बड़ा धक्का है। इसके साथ ही देश के सिर्फ पांच रिजर्व बैंक कार्यालयों में प्रवासी भारतीयों या विदेश गए भारतीयों से पुराने नोट वापसी की व्यवस्था का मुद्दा भी पटेल ने उठाया है।

उन्होंने लिखा है कि देश में 22 अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे हैं लेकिन सिर्फ पांच जगह ऐसी सुविधा देना मनमाना फैसला है। उन्होंने अंत में लिखा है कि ऐसा माना जा रहा था कि 30 दिसंबर, 2016 के बाद नोटबंदी की दिक्कतें खत्म हो जाएंगी लेकिन इससे होने वाली परेशानी अभी भी कायम है।’

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